सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ जिले में इस वर्ष 1 जून से 19 अगस्त 2022 तक 503.1 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज की गई है। अधीक्षक भू-अभिलेख सतना से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की सतना (रघुराजनगर) तहसील में 590.6 मि.मी., सोहावल (रघुराजनगर) में 406.2 मि.मी., बरौंधा (मझगवां) में 244.2 मि.मी., बिरसिंहपुर में 653 मि.मी., रामपुर बघेलान में 463 मि.मी., नागौद में 710 मि.मी., जसो (नागौद) में 314 मि.मी., उचेहरा में 647 मि.मी., मैहर में 393.3 मि.मी., अमरपाटन में 463 मि.मी. तथा रामनगर तहसील में 649.9 मि.मी. औसत वर्षा अब तक दर्ज की जा चुकी है। जिले की औसत सामान्य वर्षा 1039.7 मि.मी. है। गत वर्ष इस अवधि तक जिले में 578.9 मि.मी. वर्षा दर्ज की जा चुकी थी।
नैसकॉम करेगा इंजीनियरिंग और पॉलीटेकनिक छात्रों को अपस्किल
राज्य के इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए प्लेसमेंट परिदृश्य में सुधार के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा नैसकॉम के सहयोग से शैक्षणिक-सत्र 2022-23 से इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक छात्रों का दक्षता संवर्धन करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के बेहतर संचार और प्रभावी कार्यान्वयन के लिए इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक कॉलेजों को 5 क्षेत्रों में रखा गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा सभी कॉलेजों को 24 अगस्त 2022 तक छात्रों के डेटा क्षेत्रवार साझा करने के निर्देश दिए गए हैं। इन क्षेत्रों के इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेजों की निगरानी दो नोडल अधिकारियों द्वारा की जाएगी। नैसकॉम द्वारा डेटा सत्यापन 28 अगस्त को और त्रुटियों का सुधार 31 अगस्त को किया जाएगा। मान्य डेटा 3 सितंबर को डीटीईएमपी समूह द्वारा भविष्य के कौशल प्राइम प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। नैसकॉम द्वारा साइन अप ओरिएंटेशन-सत्र की शुरूआत (भौतिक/आभासी) 5 सितंबर को की जाएगी।
प्रत्येक ग्राम में वृक्षों से आच्छादित चौपाल बनेगी
कमिश्नर ने चौपाल बनाने के लिए वृक्षारोपण के दिये निर्देश
रीवा संभाग के सभी जिलों के प्रत्येक गांव में कम से कम एक स्थान पर वृक्षों से आच्छादित चौपाल विकसित की जायेगी। इसके माध्यम से गांव की पूरानी चौपाल लगाने की परंपरा को पुनः जीवित करते हुए गांव के विकास में सभी ग्रामवासियों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। ऐसे स्थल जहां सुविधाजनक रूप से एकत्रित हो सके। वहां चौपाल का विकास किया जायेगा। रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने संभाग के सभी कलेक्टरों को निर्देश देते हुए कहा कि वृक्षों का आच्छादित चौपाल विकसित करने के लिए 21 अगस्त को सभी ग्रामों में उचित स्थान पर सामूहिक रूप से वृक्षारोपण करायें। इसके लिए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
कमिश्नर ने कहा है कि सभी गांव में स्थल का निर्धारण कर लें। जहां वृक्षारोपण के लिए गड्ढे तैयार करा लें, रोपित पौधों की सुरक्षा के उचित प्रबंध करें। चुने गये स्थल पर बरगद, आम, नीम, पीपल, सप्तपर्णी, जामुन, महुआ, पुत्रजीवा, मौलश्री जैसे बड़े आकार के पौधे रोपित करायें। इन प्रजातियों के कम से कम 6 फिट के तथा कम से कम 3 साल आयु के पौधों का रोपण करायें। रोपण के लिए ग्राम पंचायत तथा स्व-सहायता समूहों का सहयोग लें। ग्रामवासियों को उनके परिजनों की स्मृति में पौधरोपित करने के लिए प्रेरित करें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से पौधे रोपित करायें। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उद्यानिकी विभाग तथा वन विभाग के सहयोग से पौधरोपण के लिए पौधों की व्यवस्था करें। रोपित पौधों की सुरक्षा तथा देखभाल का उचित प्रबंध ग्राम पंचायत अथवा स्व-सहायता समूह से करायें। इस तरह की सामूहिक वृक्षारोपण से एक ओर से जहां पर्यावरण संरक्षण तथा गांव के लिए प्राण वायु का स्थाई क्षेत्र विकसित करने में सहयोग मिलेगा। वहीं दूसरी ओर गांव की परंपरागत चौपाल को भी पुनः जीवित किया जा सकेगा।