Kalashtami Vrat 2022: digi desk/BHN/ हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन महादेव के भैरव स्वरूप की आराधना की जाती है। बाबा काल भैरव तंत्र-मंत्र के देवता हैं। जो जातक तंत्र साधना करते हैं, वे रात के समय भैरवनाथ की पूजा करते हैं। काल भैरव हर प्रकार के दुख और कष्टों को दूर करते हैं। आइए जानते हैं कालाष्टमी व्रत की पूजा-विधि, महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में।
कालाष्टमी व्रत 2022 मुहूर्त
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 18 अगस्त को रात्रि 09.20 मिनट पर हुआ। यह तिथि 19 अगस्त को रात 10.59 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद माह का कालाष्टमी व्रत आज (शुक्रवार) है। आज रात 09.00 बजे तक धुव्र योग है। इसके बाद व्याघात योग लगेगा। अभिजित मुहूर्त सुबह 11.58 मिनट से दोपहर 12.51 मिनट तक है।
कालाष्टमी व्रत पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें। उसके बाद भगवान भैरव की पूजा-अर्चना करें। भगवान शिव के साथ माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। फिर दीपक जलाएं और आरती करें। काल भैरव चालीसा, काल भैरवाष्टक आदि का पाठ करें। पूजा के बाद कुत्ते को दूध और मीठी रोटी खिलाएं।
कालाष्टमी व्रत का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की पूजा करने से भय से मुक्ति मिलती है। इस दिन व्रत करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही शत्रुओं से छुटकारा मिलता है।