Indo china, india china likely to see positive move on disengagement near patrolling point: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ 16वें दौर की भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक 17 जुलाई को भारत की तरफ चुशुल-मोल्दो सीमा मिलन स्थल पर हुई थी। इसमें दोनों पक्ष पश्चिमी क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए। इस बीच ये भी सामने आ रहा है कि जल्दी ही दोनों पक्ष हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से सैनिकों की वापसी कर सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि यह संभावना है कि भारतीय पक्ष गोगरा हॉट-स्प्रिंग्स इलाके के पैट्रोलिंग पॉइंट 15 से दक्षिण-पूर्व में करम सिंह हिल फीचर की ओर बढ़ सकता है, जबकि चीनी पक्ष एलएसी के किनारे स्थित बिंदु 5170 पहाड़ी की ओर उत्तर दिशा में बढ़ सकते हैं।
गौरतलब है कि मई 2020 में जब दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध बढ़ा था तब से भारत-चीन के सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास एक दूसरे के विपरीत तैनात किया गया है। 16वें दौर की भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के बाद भारत टकराव वाले इलाकों से सैनिकों को पूरी तरह से हटाने के साथ ही पूरे क्षेत्र में मई 2020 से पहले वाली स्थिति में सैनिकों को वापस ले जाने पर विचार कर रहा है।
भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो लेक के दोनों किनारों से सैनिकों को हटा भी चुके हैं। सेना ने अब मथुरा स्थित 1 स्ट्राइक कोर को उत्तरी सीमाओं पर आवंटित कर दिया है, जबकि सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सेक्टर के चारों ओर से अपने ग्रीष्मकालीन अभ्यास कर रहे हैं।
17 जुलाई को हुई थी बैठक
17 जुलाई को भारत और चीन के बीच 16वें दौर की कोर कमांडर बैठक हुई थी। जिसमें, दोनों पक्ष संपर्क में रहने और सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों की मदद से बातचीत बनाए रखने और शेष मुद्दों को पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर जल्द से जल्द काम करने पर सहमत हुए। भारत और चीन के बीच 16वें दौर की सैन्य वार्ता रविवार को करीब साढ़े बारह घंटे तक चली। इस दौरान भारत ने फिर से चीन पर दबाव डाला कि वह पूर्वी लद्दाख के विवाद वाले क्षेत्रों से सेना पूरी तरह पीछे हटाए।
पहले ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि इस वार्ता से हॉट स्प्रिंग क्षेत्र के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर सैन्य तैनाती घटाने की दिशा में प्रगति हो सकती है। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित 14वें कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया था जबकि चीनी दल का नेतृत्व दक्षिण शिंजियांग सैन्य जिले के प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया। दोनों देशों के बीच 15वें दौर की सैन्य वार्ता 11 मार्च को हुई थी और इसमें विवाद सुलझाने को लेकर कोई सफलता नहीं हासिल हुई थी।