Shani Rashi Parivartan 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह मनुष्य जीवन को प्रभावित करते हैं। हालांकि सबसे अधिक असर शनि ग्रह का होता है। शनिदेव ने 29 अप्रैल को मीन राशि में प्रवेश किया था। अब कर्मफलदाता 12 जुलाई को वक्री अवस्था में मकर राशि में गोचर करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन से कुछ राशियों को राहत मिलेगी। वहीं कुछ लोगों की तकलीफें बढ़ सकती हैं। 23 अक्टूबर तक शनि इस राशि में रहेंगे। इसके बाद 7 जनवरी 2023 को फिर कुंभ राशि में आएंगे।
इन राशियों पर रहेगी शानि की साढ़ेसाती
12 जुलाई को शनि के मकर राशि में प्रवेश करते ही मीन राशि को ढैय्या से राहत मिलेगी। वह धनु राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव शुरू होगा। साढ़ेसाती का आखिरी चरण होने से धनु राशियों के लिए ये परिवर्तन लाभदायक रहेगा। इसके अलावा कुंभ और मकर राशि वालों पर साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा। दोनों राशि के जातकों को सावधानी बरतनी होगी। नौकरी, व्यापार और सेहत का खास ध्यान रखना होगा।
इन राशियों पर रहेगी ढैय्या
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि की ढैय्या का प्रभाव कर्क और वृश्चिक राशि पर है। शनि के मकर राशि में आते ही दोनों राशियों से ढैय्या का प्रभाव समाप्त हो जाएगा। वहीं मिथुन और तुला राशियों की ढैय्या शुरू हो जाएगी। मिथुन राशि के आठवें भाव में शनि रहेगा। वहीं तुला पर भी शनि की दृष्टि रहेगी। इन दोनों राशियों के जातकों को संभलकर रहना होगा।
शनि देव के विशेष मंत्र
1. ऊँ शन्नो देवीरभिष्टयआपो भवन्तु पीतये शंयोर भिस्त्रवन्तु नः।
2. ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
3. ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
4. ऊँ ऐं ह्रीं स्त्रहं शनैश्चराय नमः।
5. ऊँ शं शनैश्वराय नमः।
6. ऊँ स्वः भुवः भूः ऊँ सः खौं खीं खां ऊँ शनैश्चराय नमः।
7. नीलांजनं समाभासं रविपुत्र यमाग्रजम। छायामार्तण्ड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
8. ऊँ शनैश्चराय सशक्तिकाय सूर्योत्मजाय नमः।
9. ऊँ शान्ताय नमः
10. ऊँ शरण्याम नमः