PM Modi in Varanasi: digi desk/BHN/वाराणसी/ अपने वाराणसी दौरे में PM मोदी अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और कन्वेंशन सेंटर-रुद्राक्ष पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, CM योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 29 जुलाई को राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बने दो साल पूरे होने वाले हैं। विविधताओं भरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इस प्रकार स्वागत होना ही अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
पीएम के संबोधन की अहम बातें
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार, शिक्षा को संकुचित सोच के दायरों से बाहर निकालना और उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है।
- हम केवल डिग्री धारक युवा तैयार न करें, बल्कि देश को आगे बढ़ने के लिए जितने भी मानव संसाधनों की जरूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था वो देश को दे। इस संकल्प का नेतृत्व हमारे शिक्षकों और शिक्षण संस्थानों को करना है।
- स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में जहाँ पहले केवल सरकार ही सब करती थी वहां अब प्राइवेट प्लेयर्स के जरिए युवाओं के लिए नई दुनिया बन रही है।
- देश की बेटियों के लिए, महिलाओं के लिए भी जो क्षेत्र पहले बंद हुआ करते थे, आज वो सेक्टर बेटियों की प्रतिभा के उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं।
- कोरोना की इतनी बड़ी महामारी से हम न केवल इतनी तेजी से उबरे, बल्कि आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में एक हैं। आज हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम हैं।
- नई नीति में पूरा फोकस बच्चों की प्रतिभा और चॉइस के हिसाब से उन्हें skilled बनाने पर है। हमारे युवा skilled हों, confident हों, practical और calculative हो, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है।
- नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए देश के एजुकेशन सेक्टर में एक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर overhaul पर भी काम हुआ है। आज देश में बड़ी संख्या में नए कॉलेज खुल रहे हैं, नए विश्वविद्यालय खुल रहे हैं, नए IIT और IIM की स्थापना हो रही है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति अब मातृभाषा में पढ़ाई के रास्ते खोल रही है। इसी क्रम में, संस्कृत जैसी प्राचीन भारतीय भाषाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।
- हमारे देश में मेधा की कभी कोई कमी नहीं रही है। लेकिन दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी कि पढ़ाई का मतलब केवल नौकरी करना ही माना जाने लगा था।
- विश्वविद्यालयों में रिसर्च और काम करने का अच्छा स्कोप है। क्लाइमेट चेंज की इतनी चर्चा हो रही है, इस दिशा में भी अनेक शोध किए जा सकते हैं। पहले कुदरत हमारे साथ चलती थी, हम कुदरत के साथ चलते थे। आज स्थितियां बदल रही हैं।
बच्चों ने दिखाया टैलेंट, किसी ने सुनाई कविता, किसी ने बजाया ढोल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यहां राष्ट्रीय शिक्षा समागम के कार्यक्रम को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने सरकारी स्कूल में जाकर बच्चों से मुलाकात की। इस दौरान बच्चे पीएम मोदी के पास खड़े नजर आए और अपने टैलेंट का प्रदर्शन किया। किसी ने शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया, तो किसी ने ढोल बजाकर अपनी प्रतिभा दिखाई। इस दौरान प्रधानमंत्री स्कूल टीचर के रोल में नजर आए। उनके सवाल पूछने पर बच्चे यस सर बोलते नजर आए।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘आपको जो अच्छी योग मुद्रा आती है। वह करके दिखाओ।’ इस पर बच्चे ने योग करके दिखाया। इसके अलावा एक स्टूडेंट ने ढोल बजाकर दिखाया। बच्चों की प्रतिभा देखकर प्रधानमंत्री अचंभित हो गए। कहा कि इन बच्चों के शिक्षकों से मिलना चाहूंगा। मोदी ने इस दौरान बच्चों से पूछा, ‘क्या आप सफाई का ध्यान रखते हैं। इस पर बच्चे यस सर बोलते दिखे।’
अक्षय पात्र किचन का किया उद्घाटन
पीएम दोपहर करीब 2 बजे विशेष विमान से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद सड़क मार्ग से अर्दली मार्केट स्थित एलटी कॉलेज परिसर गये। वहां उन्होंने अक्षय पात्र किचन का उद्घाटन किया। इस रसोई में एक लाख बच्चों के लिए मिड डे मिल तैयार किया जाएगा। अक्षय पात्र किचन में कई आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं। यहां लगी रोटियां बनाने की मशीन से एक घंटे में 40 हजार रोटियां तैयार हो जाएंगी।
एक बार में तैयार होगी 1600 लीटर दाल
अक्षय पात्र के किचन की लागत 24 करोड़ रुपए है। यह 15 हजार वर्ग मीटर में बनाया गया है। किचन में रोटियां बनाने के लिए मशीन है। इसमें ऑटोमेटिक तरीके से आटा गूंथेगा। इस किचन में कहाड़ी एक बार में 1600 लीटर दाल तैयार करेगी। बता दें 8 जुलाई को 25 हजार बच्चों के लिए भोजन बनाने से अक्षय पात्र किचन की शुरुआत होगी। छह माह बाद हर दिन एक लाख बच्चों के लिए खाना बनेगा।