Guru Purnima 2022: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस बार 13 जुलाई, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन महर्षि वेद व्यास की जयंती मनाई जाती है। उनकी विशेष पूजा की जाती है। वेद व्यास को प्रथम गुरु माना जाता है। उन्होंने मानव जाति को वेदों का ज्ञान दिया। वेदों को भी भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान श्रीहरि की भी पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं।
गुरु पूर्णिमा पर राज योग
गुरु पूर्णिमा का ज्योतिषीय और धार्मिक महत्व है। ज्योतिष की दृष्टि से इस बार गुरु पूर्णिमा और खास हो गई है। इस बृहस्पति पू्र्णिमा में ग्रह की स्थिति अत्यंत शुभ है। इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन मंगल, बुध, बृहस्पति और शनि ग्रह बहुत शुभ स्थिति में रहेंगे। जिससे चार राजयोग बन रहे हैं। साथ ही सूर्य और बुध की एक ही राशि में होने के कारण बुधादित्य योग भी बनेगा। कुल मिलाकर गुरु पूर्णिमा के दिन की गई पूजा अत्यंत शुभ फल देगी।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को प्रातः 04 बजे से आरंभ होकर दोपहर 12 बजे समाप्त होगी।
गुरु पूर्णिमा पूजन विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु और वेदों की पूजा करें। फिर अपने गुरु का तिलक करें, माला पहनाएं। अपनी क्षमता के अनुसार उपहार देकर गुरु का सम्मान करें।