Agnipath Scheme Benefits: digi desk/BHN/ नई दिल्ली/ सेना की भर्ती प्रक्रिया को लेकर देशभर में चल रहे विरोध और उग्र-प्रदर्शन के बीच आज तीनों सेनाओं के प्रमुख एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। तीनों सेनाओं के प्रमुख इस योजना से जुड़ी सभी आशंकाएं दूर करने का प्रयास किया। एयर मार्शल एसके झा ने बताया कि भारतीय वायुसेना में 24 जून से अग्निवीरों के पहले बैच को लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह एक ऑनलाइन सिस्टम है। उसी के तहत उसपर रजिस्ट्रेशन शुरू होगा। एक महीने बाद 24 जुलाई से फैज-1 ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। नौसेना के वाइस एडमिरल डी.के. त्रिपाठी ने भी कहा कि हमने अपनी भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। 25 जून तक हमारा एडवरटाइजमेंट सूचना और प्रसारण मंत्रालय में पहुंच जाएगा। एक महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 21 नवंबर को हमारे पहले अग्निवीर हमारे ट्रेनिंग संस्थान में रिपोर्ट करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें
- ‘अग्निवर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता और सुविधाएं मिलेंगी जो वर्तमान में नियमित सैनिकों पर लागू होती है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।
- देश की सेवा में बलिदान देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।
- हम चाहते थे कि युवाओं के ज्यादा शामिल होने से जोश और होश का बैलेंस बन जाए। हम सोचते हैं कि इससे जोश और होश का अनुपात बराबर हो जाएगा।
- आपको पता है कि फौज में हर साल कितने रिटायरमेंट होते हैं? ये वे लोग हैं जो कि प्रीमैच्योर रिटायरमेंट ले रहे हैं। तीनों सेनाओं को मिलाकर 17,600 लोग खुद रिटायरमेंट ले रहे हैं। इन सबको बाहर काम मिल रहा है।
- अगले 3-4 साल में 45-50 हजार अग्निवीरों की नियुक्ति होगी, जो अगले कुछ सालों में 1.25 लाख तक पहुंच जाएगी।
- दिसंबर के अंत तक अग्नवीर के पहले बैच को वायुसेना में शामिल कर लेंगे। 30 दिसंबर से पहले बैच की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।
- सभी अग्निवीरों को उच्च स्तरीय ट्रेनिंग मिलेगी, 12 वीं की सर्टिफिकेट मिलेगी।
- अभी योजना शुरुआती दौर में है। इस योजना में अग्निवीरों की जरुरतों के मुताबिक कई अन्य चीजें जोड़ी जाएंगी।
- योजना का मकसद सेना की औसत उम्र कम करना है। आगामी युद्ध तकनीक पर आधारित होगा। उसके लिए युवाओं को जोड़ना जरुरी है।
रक्षा मंत्री की बैठक
इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर इस संबंध में अहम बैठक हुई। इस बैठक में वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे मौजूद रहे। एक दिन पहले ही सरकार ने रक्षामंत्रालय में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान किया था।
उधर, भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) की डिटेल जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इस जानकारी के मुताबिक, अग्निवीरों (Agniveer) को चार साल का कार्यकाल पूरा करना होगा। इसके अलावा ड्यूटी पर वीरगति को प्राप्त होने पर उसके परिवार को करीब एक करोड़ की सहायता राशि दी जाएगी। आपको बता दें कि अग्निपथ स्कीम सेना के लिए तीनों अंग यानी थलसेना (Army), वायुसेना (Air Force) और नौसेना (Navy) अपनी-अपनी जरुरतों और सुविधाओं के अनुरुप अलग-अलग रुल्स और चार्टर तैयार करेंगी। यही वजह है कि वायुसेना ने अपना चार्टर पहले जारी कर दिया है।
वापस नहीं होगी ‘अग्निपथ योजना’, भविष्य में भी इसी योजना के तहत होंगी सैनिकों की भर्तियां: रक्षा मंत्रालय
सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर आज भी देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। वहीं कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस योजना का विरोध किया है। लेकिन सरकार इसे वापस लेने के मूड में बिल्कुल नहीं है। तीनों सेनाओं की तरफ से अग्निपथ योजना को लेकर आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात साफ कर दी गई कि इस योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt General Anil Puri) ने बताया कि इस योजना के बारे में 1989 से चर्चा चल रही थी और काफी सोच-विचार के बाद इसे लागू किया गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यह एक प्रगतिशील कदम है और भारतीय सशस्त्र बलों की इस योजना की सख्त जरूरत है, इसलिए इसको वापस लेने का सवाल नहीं खड़ा होता।