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Defence: रक्षा मंत्रालय का फैसला, प्री-कमीशन्ड अधिकारियों के परिवारों को भी मिलेगी पेंशन

Pension Plan for defence Employees: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ मुंबई/ रक्षा मंत्रालय ने एक बेहद मानवीय और संवेदनापूर्ण कदम उठाते हुए हुए ट्रेनिंग के दौरान मरनेवाले अधिकारियों के परिवार को भी पेंशन देने का फैसला किया है। दरअसल अब तक के नियम के मुताबिक कमीशन से चुने गये अधिकारियों की अगर ट्रेनिंग पीरियड में या कमीशन प्राप्त करने से पहले किसी वजह से मौत हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन नहीं मिलती। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने उन अधिकारियों के परिवारों को भी पेंशन देने का फैसला किया है, जिनकी सैन्य प्रशिक्षण के दौरान किसी दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है।

कौन-कौन हो सकते हैं शामिल?
भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग (DESW) के अनुसार, अब तक सेना में शामिल होने वाले ऐसे सैन्य अधिकारी जो शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर (SSCO) और इमरजेंसी कमीशन ऑफिसर (ECO) के तहत सेना में शामिल होते हैं, और उनकी कमीशन मिलने से पहले मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को पेंशन का लाभ नहीं मिलता। लेकिन 8 जून 2022 को DESW ने इस संबंध में एक पत्र जारी कर SCCO और ECO के प्री-कमीशन अधिकारियों को इसका लाभ देने का फैसला किया है। इस संबंध में थल सेना की तीनों शाखाओं के प्रमुखों को यह पत्र भेजा है ताकि इसका लाभ थल सेना, वायु सेना और नौसेना के पूर्व-कमीशन अधिकारी उठा सकें।
ट्रेनिंग के दौरान हो चुके हैं कई हादसे
आपको बता दें कि साल 2017 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (IMA) में 10 किलोमीटर की दौड़ के दौरान दो मिलिट्री कैडेट्स की मौत हो गई थी। 2019 में भी एक सैन्य अभ्यास के दौरान सिर में चोट लगने से आईएमए में ही एक कैडेट की मौत हो गई थी। चूंकि इन कैडेटों को तब तक कमीशन नहीं मिला था, इसलिए उनके परिवार के सदस्यों को रक्षा पेंशन का लाभ नहीं मिल सका।
विकलांग अधिकारियों को भी होगा फायदा
वैसे भी थल सेना, वायु सेना और नौसेना का प्री-कमीशन प्रशिक्षण बहुत कठिन माना जाता है। इस दौरान कैडेटों को गंभीर चोटें आती हैं और कई बार मौत भी हो जाती है। ऐसे में इन कैडेटों के परिवार वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पिछले कई सालों से इसमें बदलाव की मांग की जाती रही है। इस संबंध में संसद में भी मामला उठाया जा चुका है। तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने इस मामले में जल्द फैसला लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन इससे पहले ही उनकी मौत हो गई। अब इस फैसले से ट्रेनिंग के दौरान विकलांग हुए कैडेटों में भी पेंशन की उम्मीद है।

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