कटनी,भास्कर हिंदी न्यूज़/ शहर में विगत वर्षों में प्रयोगों के बाद भी शहर की यातायात की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जब कभी यातायात पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई करती है तो बाइक चालक ही इस कार्रवाई का शिकार हो जाते हैं। शहर में विभिन्नाा मार्गों में दो पहिया वाहनों पर ही पुलिस कार्रवाई करती दिखती है। वहीं अन्य वाहन पुलिस की कार्रवाई का शिकार होने से बच जाते हैं। इससे पहले के वर्षों में यातायात पुलिस ने ऑटो को व्यवस्थित करने के लिए विभिन्नाा प्रयोग किए। ऑटो के विभिन्ना रूट बनाए गए, कलर निर्धारित किए गए लेकिन व्यवस्था नहीं सुधर सकी।
शहर में बेतरतीब ऑटो चालन से शहर का यातायात पूरी तरफ अव्यवस्थित है। शहरी इलाकों में ऑटो की धमाचौकड़ी और सड़कों पर सजी दुकानें चौराहों पर जाम की स्थिति बन जाती है। शहर के मुख्य चौराहों पर किसी भी स्थान पर चालक ऑटो खड़ा कर देते है। बेतरतीब वाहनों की पार्किंग के चलते मुख्य स्थानों पर जाम लग जाता है। शहर के सुभाष चौक, मिशन चौक, दिलबहार चौक, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, अहिंसा चौक, गर्ग चौराहा, घंटाघर, सर्राफा बाजार, दुर्गाचौक, झंडाबाजार एवं आजाद चौक जैसे प्रमुख स्थानों पर ऑटो बेतरतीब खड़े रहते है।
सड़कों पर सजीं दुकानें
नगर निगम और पुलिस प्रशासन की लापरवाही के चलते शहर के अनेक स्थानों पर अवैध रूप से दुकानें सज गई है। दुकान और अवैध पार्किंग से अव्यवस्था का आलम बन गया। शहर के हर रास्ते मे सब्जी, फलों की दुकान एवं ठेलों ने आधिपत्य जमा रखा है। दुकानदार दुकान से 5 से 7 फुट आगे बढ़कर रोड मे दुकानें सजाना अपना अधिकार मानते हैं। लेकिन विडंबना है कि शहर में फैली अराजकता में सुधार लाने के लिए नगर निगम एवं पुलिस प्रशासन कोई सार्थक पहल करना मुनासिब नहीं समझ रहा है।
नियमों का पालन नहीं
शहर में ऑटो की धमाचौकड़ी रोकने फिर से निर्धारित रूट व कलर के हिसाब से वाहन चलाए जाने थे। चालकों को निर्धारित स्थानों पर ही ऑटो खड़े करने के निर्देश दिए गए थे लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। वर्दी अनिवार्य रूप से पहनने के साथ ही कागजों की भी जांच भी पुलिस को करनी थी लेकिन ऐसा कहीं नहीं दिख रहा है। पूर्व में शहर में ऑटो संचालन के लिए छह रूट पर छह कलर निर्धारित किए गए थे। सभी वाहनों में उसी हिसाब से रंग किए गए थे। जिसमें हरा, लाल, आसमानी, नारंगी, सफेद व पीला रंग शामिल था। रंगों के हिसाब से पुलिस ने शहर में रूट बनाए हैं और यदि उसी हिसाब से ऑटो नहीं मिले तो कार्रवाई की जाएगी। वहीं इन्ही रूटों पर 12 स्टैंड भी निर्धारित हैं लेकिन कहीं भी नियमों का पालन होता नहीं दिख रहा है। इससे आम लोग परेशान हैं।