Mathura Shahi Idgah Mosque: digi desk/BHN/वाराणसी/ वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद के बीच मथुरा स्थित शाही इदगाह मस्जिद को लेकर कोर्ट में एक और याचिका दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि हिंदुओं को शाही इदगाह मस्जिद के अंदर जाकर पूजा और अभिषेक की अनुमति दी जाए। यहां लड्डू भगवान की पूजा की मांग की गई है। वकीलों और कानून के छात्रों के एक समूह ने एक स्थानीय अदालत में याचिका दायर कर मुसलमानों को शाही ईदगाह मस्जिद में नमाज अदा करने से रोकने की भी मांग की है। बता दें, श्रीकृष्ण जन्मभूमि से सटी Shahi Idgah Mosque और पूरे मामले से जुड़े 13.37 एकड़ के परिसर को लेकर मथुरा की अलग-अलग कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर चार महीने के भीतर फैसला सुनाने के निर्देश दिए हैं।
इससे पहले श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में सिविल अदालत में दायर वाद में याची ने मंगलवार को शाही मस्जिद ईदगाह को सील करने और वहां विशेष सुरक्षाधिकारी तैनात करने की मांग की है। अदालत में दिए प्रार्थना पत्र में उन्होंने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में शिवलिग मिलने के बाद शाही मस्जिद के मुख्य एरिया से साक्ष्य मिटाने की आशंका व्यक्त की। अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
याची अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिह ने अदालत में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर स्थित शाही मस्जिद ईदगाह को हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंपने की मांग का वाद कर रखा है। इसकी सुनवाई एक जुलाई को होनी है। मंगलवार को उन्होंने इस मामले में एक प्रार्थना पत्र दाखिल कर कहा कि वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर में सर्वे में शिवलिग मिला है। मथुरा में शाही मस्जिद ईदगाह के मुख्य क्षेत्र में ही भगवान श्रीकृष्ण का मूल गर्भगृह है। यहां अवशेष कमल, शेषनाग, ऊं, स्वास्तिक आदि चिन्ह हैं। इनमें कुछ को मिटा दिया गया है, जबकि कुछ को प्रतिवादी शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड मिटाने के प्रयास में है। इसलिए शाही मस्जिद ईदगाह के मुख्य क्षेत्र को सील कर वहां किसी का भी जाना प्रतिबंधित किया जाए। अवशेषों की सुरक्षा के लिए वहां कोई सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाए।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में एक और वाद दायर
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में मंगलवार को जिला अदालत में एक और वाद दायर किया गया। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रंजन कुमार राय, लखनऊ हाई कोर्ट के अधिवक्ता शैलेंद्र सिह, अंकित तिवारी, वरुण कुमार मिश्रा, लखनऊ निवासी विधि छात्रा उपासना सिह, साधना सिह, नीलम सिह, दिव्या निरंजन, अंकिता सिह और अनुष्का सिह ने यह वाद दायर किया। इसमें दावा किया गया है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में जिसे शाही मस्जिद ईदगाह बताया गया है, वह असल में मस्जिद नहीं है। विवादित स्थल पर नमाज नहीं पढ़ी जा सकती है। मस्जिद की कमेटी या फिर वक्फ बोर्ड की जमीन होनी चाहिए। यहां पर इन सारे नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। इसे हटाकर पूरी जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट को सौंप दी जाए। जिला जज की अनुपस्थिति में वाद पर अपर जिला जज अष्टम संजय चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई। अगली सुनवाई के लिए 25 मई की तारीख तय की गई है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अब तक दस वाद और एक अपील दायर हो चुकी है। अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री की इस अपील पर अदालत 19 मई को फैसला सुनाएगी कि ये अपील पोषणीय है या नहीं।