Lunar eclipse will take place on may 16 during this time take these precautions including food and drink: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ वर्ष 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 15 और 16 मई को दुनिया के विभिन्न हिस्सों से देखा जाएगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। IST के अनुसार, ग्रहण 16 मई की सुबह 7:02 बजे IST पर लगेगा और दोपहर 12:20 बजे समाप्त होगा। प्राचीन काल से यह माना जाता है कि सूर्य और चंद्र दोनों ग्रहण गर्भवती महिलाओं के लिए खराब होते हैं और ग्रहण की अवधि के दौरान बच्चे और मां की भलाई के लिए विशेष देखभाल की जानी चाहिए। यहां कुछ उपाय दिए गए हैं। हर गर्भवती महिला को चंद्र ग्रहण के दौरान पालन करना चाहिए। हालांकि किसी भी दावे के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है, लेकिन अगर आप ज्योतिष में विश्वास करते हैं, तो आप खुद को सुरक्षित रखने के लिए इन चरणों का पालन कर सकते हैं। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि चंद्र ग्रहण तब होता है जब राहु और केतु पूर्णिमा की रात को चंद्रमा को पकड़ने का प्रयास करते हैं। इस वजह से इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप लोग विभिन्न मान्यताओं और रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।
इन चीजों का रखें विशेष ध्यान
1. कोशिश करें कि ग्रहण के दौरान बाहर न जाएं।
2. ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पहले पका हुआ कोई भी भोजन नहीं करना चाहिए।
3. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को कोई भी काम और आराम नहीं करना चाहिए।
4. ग्रहण के दौरान कुछ भी न पियें और न ही कुछ खाएं।
5. खिड़कियों को मोटे पर्दों, अखबारों या गत्ते से ढक दें ताकि ग्रहण की किरणें आपके घर में प्रवेश न कर सकें।
6. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें।
तीन प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण या चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच खुद को संरेखित करती है और चंद्र सतह पर छाया डालती है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के अनुसार, चंद्र ग्रहण केवल पूर्णिमा के दौरान होता है। इसके अलावा, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की स्थिति के आधार पर तीन प्रकार के चंद्र ग्रहण होते हैं, पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपच्छाया चंद्र ग्रहण।
एक साथ मिलेगा वैशाख पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण का उत्तम फल, अपनी राशि के अनुसार करें दान
वर्ष 2022 का पहला चंद्र ग्रहण वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ रहा है, जो सोमवार 16 मई को पड़ेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण माना जा रहा है। इसी दिन वैशाख पूर्णिमा यानि बुद्ध पूर्णिमा भी है, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। वैसे, ये चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक भी नहीं लगेगा, लेकिन इसके बावजूद चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी होगा।
पूर्णिमा और ग्रहण का समय
हिन्दू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 15 मई रविवार को 12 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगी जो अगले दिन यानी 16 मई को सुबह 09:45 बजे तक चलेगी। ज्योतिषियों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा का व्रत 16 मई को रखा जाएगा और इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा।
दान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्र ग्रहण के दिन दान करना सर्वोत्तम होता है, वहीं वैशाख पूर्णिमा पर दान करने का भी अपना विशेष महत्व है। ऐसे में अगर आप अपनी राशि के अनुसार दान करें, तो ना सिर्फ ग्रहण के दोष से मुक्ति मिलेगी, बल्कि पूर्णिमा के दान का फल भी मिलेगा। जैसा कि ज्योतिष में माना जाता है, दान से ग्रहों के दोष दूर होते हैं और जीवन की परेशानियां कम होती हैं। तो चलिए जानते हैं किस राशि के जातक को, क्या दान करना चाहिए :-
मेष – ग्रहण का वक्त खत्म होने के बाद चावल का दान करें, सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होगी।
वृषभ – चंद्र ग्रहण के खत्म होते ही दूध और दही का दान करें, सभी तरह से शुभ फल मिलेंगे।
मिथुन– ग्रहण के बाद गाय की सेवा करें और गाय को हरा चारा खिलायें, परिवार में शांति आएगी।
कर्क – ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूरतमंदों और गरीबों को चावल दान करें, आर्थिक समस्या दूर होगी।
सिंह- इस राशि के जातक चीनी का दान करें, इससे वैशाख पूर्णिमा का अधिक लाभ मिलेगा।
कन्या- ग्रहण काल के बाद गेहूं के आटे का दान करें।
तुला-ग्रहण के बाद चांदी का दान करें, करियर में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।
वृश्चिक-ग्रहण के बाद चंद्र गायत्री मंत्र का पाठ करें और प्रसाद के रूप में सफेद मिठाई का दान करें।
धनु – ग्रहण के बाद किसी आचार्य या पुजारी को भोजन कराएं और पूर्णिमा का दान करें।
मकर – ग्रहण के बाद तिल या तिल की मिठाई का दान करें।
कुंभ – ग्रहण काल की समाप्ति के बाद बजरंग बाण का पाठ करें, अवश्य लाभ मिलेगा।
मीन– चंद्र ग्रहण के बाद मछली को आटा खिलायें, बाधाएं दूर होंगी।