Gyanvapi Mosque Survey Day-2: digi desk/BHN/वाराणसी/ वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का रविवार को दूसरा दिन रहा। कोर्ट के आदेशानुसार, 8 बजे दोनों पक्षों ने मस्जिद परिसर में प्रवेश किया। 12 बजे तक सर्वे कार्य हुआ। वीडियोग्राफी की गई। आज मस्जिद की छत और गुबंज का सर्वे किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक खंडहर भी मिला है। हिंदू पक्ष की मांग है कि यह मलबा हटाया जाए, ताकि तस्वीर साफ हो चुके। कुछ लोगों का कहना है कि खंडहर के नीचे एक कमरा है। कहा जा रहा है कि सोमवार को तीसरे दिन भी सर्वे किया जाएगा। इसके बाद मंगलवार को रिपोर्ट पेश की जाना है।
इससे पहले सर्वे के पहले दिन शनिवार को तहखानों के तीन कमरों के ताले खोले गए, जबकि दशकों से बंद होने और जंग लग जाने के कारण एक का ताला नहीं खुला तो करीब दस बजे उसे तोड़ा गया। तहखानों में कमल व स्वास्तिक चिह्न मिलने की बात सामने आई है। हालांकि, मस्जिद पक्ष के वकील तौहीद खां ने उसे ईंट-पत्थर के निर्माता का ब्रांड चिह्न बताया है। तहखानों में संगमरमर का मगरमच्छ, मूर्तियां और शिखर कलश मिलने की चर्चा की किसी ने पुष्टि नहीं की। याचिका दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार डा. सोहन लाल आर्य ने बताया कि जैसा सोचा था, वैसे ही साक्ष्य मिले हैं। कार्यवाही के दौरान उपस्थित रहे विश्व वैदिक सनातन संघ के अध्यक्ष और पक्षकार राखी सिंह के पैरोकार जीतेंद्र सिंह बिसेन ने भी कहा कि मंदिर होने को लेकर अपेक्षा से ज्यादा साक्ष्य मिले हैं।
इससे पहले एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह, सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह समेत वादी और प्रतिवादी पक्ष के 52 लोगों के साथ कार्यवाही के लिए टीम सुबह आठ बजे ज्ञानवापी परिसर में प्रवेश कर गई थी। दोपहर 12 बजे तक चली कार्यवाही के दौरान दीवारों की बनावट देखी गई और तहखानों के अंदर कोने-कोने की वीडियोग्राफी करने के साथ सौ से अधिक तस्वीरें ली गईं। इस दौरान ज्ञानवापी परिसर को पूरी तरह खाली करा लिया गया था। एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही रविवार को भी जारी रहेगी।
दीवारों व खंभों की बनावट देखी
पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में टीम ने दीवारों व खंभों की बनावट की शैली को करीब से देखा और साक्ष्यों को कैमरे में कैद किया। सर्वे के क्रम में जिन जगहों पर अंधेरा था वहां बल्ब लगाए गए। तहखानों में अंधेरा होने की वजह से टार्च की व्यवस्था की गई थी। सीलन और दुगर्ध से भरे तहखानों में एक-एक कर टीम के सदस्यों ने प्रवेश किया। कार्यवाही शुरू होने से पहले ही टीम के सभी सदस्यों का मोबाइल फोन भी बाहर ही रखवा लिया गया था।