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Satna: सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने सरकार के साथ जीवटता से काम करने की जरुरत- कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर

चित्रकूट में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज़/ संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों पर चित्रकूट में त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने किया। उन्होने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की लगभग सभी योजनायें सतत विकास के लक्ष्यों को प्रतिबिम्बित करती है। भारत रत्न नानाजी देशमुख ने डीआरआई के माध्यम से चित्रकूट जैसे दुर्गम और दूरस्थ तथा चुनौतियों से भरे क्षेत्र में एकात्म मानववाद के समग्र चिंतन को धरातल पर उतारने का कार्य किया। अभी भी सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने सरकार के साथ जीवटता से काम करने की जरुरत है। सस्टेनबल डेवलपमेंट गोल पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सांसद गणेश सिंह, सांसद आरके पटेल, डीआरआई के अतुल जैन, बसंत पंडित, संगठन सचिव अभय महाजन, बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री कानूनगो, नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भरत मिश्रा, कलेक्टर अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, आयुक्त नगर निगम तन्वी हुड्डा, सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, एसडीएम पीएस त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष नरेन्द्र त्रिपाठी सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित थे।

केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि चित्रकूट की पावन धरती हमेशा ही श्रद्धा का केन्द्र रही है। डीआरआई और अन्य संस्थाओं ने मिल कर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन चित्रकूट में आयोजित किया है। जहां लगातार तीन दिनो तक समग्र विकास के लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाये, इस विषय पर गहन चर्चा होगी। उन्होने कहा कि नानाजी देशमुख के मन में गरीबों के प्रति बेहद संवेदनशीलता थी। गरीबी उन्मूलन के साथ ही एकात्मवाद के समग्र चिंतन को अपनाकर चित्रकूट के दुर्गम क्षेत्र के 500 गांवो में उन्होने एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया। ग्रामीण परिवेश की निर्भरता और स्थानीय स्व-रोजगार इस मॉडल के महत्वपूर्ण अंश है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक तालमेल टूटा तो समग्र विकास के हर क्षेत्र में इसका प्रभाव पड़ेगा।

संयुक्त राष्ट्र के 17 समग्र विकास के सूत्रों पर हमारे देश में पूर्व से भी काम चलता रहा है। केन्द्र और राज्य की सरकारें अपनी योजनाओं के माध्यम से विकास के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है। कोरोना काल जैसी कठिन और विपरीत परिस्थितियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने दिया। उन्होने देश के 80 करोड़ लोंगो के लिये मुफ्त राशन की व्यवस्था की। सरकार का इस पर 3 लाख करोड़ रुपया खर्च हुआ। आजीविका मिशन में 70 लाख महिलाओं के स्व-सहायता समूहो से 8 करोड़ से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है। इन महिलाओं के सशक्तिकरण और स्व-रोजगार के लिये सवा 5 लाख करोड़ रुपये के ऋण अनुदान की मदद की गई है। जनधन योजना में 42 करोड़ जनधन खाते खुलवाये गये हैं। उन्होने आशा व्यक्त की कि आजादी के 75वें साल के बाद आने वाले समय में सबके प्रयास से सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकेंगे।

अनुकरणीय उदाहरण के रूप में दुनिया के सामने-सांसद गणेश सिंह

सांसद गणेश सिंह ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत और अंत्योदय की भावना से नाना जी ने 90 के दशक में चित्रकूट की धरती पर 500 गांवों में जो प्रयोग किए, वह अत्यंत ही उपयोगी, अनुकरणीय उदाहरण के रूप में दुनिया के सामने है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्य के 17 बिंदुओं पर पूर्व से ही काम करते हुए नाना जी ने सबसे बड़ी चुनौती के रुप में लोगों को गरीबी से निकालने का प्रयास किया। गुड हेल्थ उद्यमिता, शिक्षा की गुणवत्ता, वंचितों को शिक्षा, गुरुकुल, रस शाला आरोग्यधाम, कृषि विज्ञान केंद्र गनीवा एवं मझगवां में हुए नवीन प्रयोग दुनिया के लिए उपयोगी हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार को वेबलिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों डॉ नित्यामोहन लंदन, डॉ काकोली घोष रोम, अलिक सियोली ने भी हिस्सा लिया। दीनदयाल शोध संस्थान के अतुल जैन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल वर्ष 2015 में एडॉप्ट किए गए थे। दीनदयाल शोध संस्थान इसके पहले इन्हीं सूत्रों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल गोल वास्तव में भारत के लोगों की जीवन शैली में शामिल है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने कहा देश के सतत विकास के लक्ष्यों को लेकर कार्यक्रम शुरू हुआ है। पहले वर्ष 2000 में मिलेनियम डेवलपमेंट के तहत 8 गोल रखे गए थे। अब सतत विकास के लक्ष्य में शामिल 17 लक्ष्य शताब्दी के सतत विकास के लक्ष्यों से मिलते-जुलते हैं। अब देश क्वांटिटी की ओर नहीं, बल्कि क्वालिटी की ओर जा रहा है। उद्घाटन सत्र के अंत में डीआरआई के संगठन सचिव अभय महाजन ने आभार व्यक्त किया।

कृषि मंत्री ने किया एसडीजी इंटरवेंशन वेबसाईट का लोकार्पण

चित्रकूट में चल रहे तीन दिवसीय सस्टेनबल डेवलपमेंट गोल के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने एसडीजी इंटरवेंशन की वेबसाईट को क्लिक कर लोकार्पित किया।

प्रदर्शनी का अवलोकन

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय एसडीजी के सम्मेलन के दौरान केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ सभागार के बाहर विशाल डोम में लगी देश के कृषि विज्ञान केन्द्रों और शासकीय विभागों, उद्यमिता द्वारा आयोजित की गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

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