Kamada Ekadashi 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ हिंदू पंचांग के अनुसार 12 अप्रैल को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। जिसे कामदा एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत और पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि और आनंद शुभ योग भी है। इन शुभ योगों में एकादशी का व्रत रखना और शुभ फल देने वाला रहेगा।
कामदा एकादशी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि के लिए शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल, सुबह 04.30 बजे 13 अप्रैल सुबह 05.02 मिनट तक रहेगा।
कामदा एकादशी पूजा विधि
एकादशी व्रत के एक दिन पहले ही नियमों का पालन करना जरूरी है। एकदाशी के एक दिन पहले पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। भगवान विष्णु की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें। श्रीहरि को पुष्प, फल, तिल, दूध, पंचामृत आदि चढ़ाएं। कपूर आरती करें और प्रसाद बांटे। विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें। द्वादशी तिथि (13 अप्रैल) को ब्राह्मणो को भोजन करवाकर दक्षिणा दें।
कामदा एकादशी व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार पुंडरीक नाम का एक राजा था। यहां नाम, अप्सराएं, गंधर्व और किन्नर रहते थे। इनमें एक अप्सरा का नाम ललिता था। वह अपने पति ललित के साथ रहती थी। ललित नाग दरबार में गायक और नृतक था। एक दिन ललित राजा पुंडरीक के दरबार में प्रस्तुति दे रहा था। तब उसे अपनी पत्नी की याद आ गई। जिस कारण गायन में गलती कर बैठा। नाराज होकर राजा पुंडरीक ने उसे राक्षस बनने का श्राप दे दिया। पति को श्राप मिलने से ललिता बेहद दुखी हो गई। पति को श्राप से मुक्ति दिलाने के लिए प्रयत्न करने लगी। एक एक मुनि ने ललिता को कामदा एकादशी व्रत रखने की सलाह दी। ललिता ने पूरे विधि-विधान से कामदा एकादशी का व्रत किया। इस व्रत के प्रभाव से ललित को राक्षस योनि से मुक्ति मिल गई।