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Ramajan Mubarak: 65 साल बाद फिर अप्रैल में आया बरकतों का महीना रमजान, रविवार को पहला रोजा

Ramajan Mubarak 2022: digi desk/BHN/रायपुर/ वर्ष 1957 (1376 हिजरी) में मतलब 65 साल पहले अप्रैल के महीने में रमजान का पवित्र महीना रहमत और बरकतें लेकर आया था। मगरिब यानी शाम को सूरज डूबने के बाद चांद का दीदार किया गया था। इस्‍लामिक कैलेंडर के अनुसार इस दिन रमजान की पहली तारिख थी। तेज धूप और गर्मी के दौरान चांद का दीदार कर पूरे महीने रोजदारों (उपवास रखने वाले) रमजान के रोजें रखे थे। एक बार फिर अप्रैल के महीने में ही वर्ष 2022 (1443 हिजरी) में रमजान का मुबारक महीना खुशियों के साथ रहमत और बरकत लाया है।

शनिवार की शाम रायपुर में छत्‍तीसगढ़-ए-काजी हजरत सैयद रईस अहमद अशरफी जिलानी और इदारे शरिया इस्‍लामिक कोर्ट ने पूरे छत्‍तीसगढ़ में सबसे पहले चांद देखने की तस्‍दीक (पुष्टि) कर दी है। उन्‍होंने कहा कि शनिवार को पहली तरावीह की नमाज अदा की जाएगी। रविवार यानी 3 अप्रैल को पहला रोजा रखा जाएगा।

मुस्लिम समाज के बुजुर्गों ने बताया कि उस दौर में उतनी सुविधाएं नहीं थी, जितनी इस दौर में है, लेकिन रमजान को लेकर उतनी शिद्दत आज भी है, जितनी उस दौर में हुआ करती थी। खास बात यह है कि चाहे जैसा भी मौसम हो रमजान का समाज के बच्चों, बुजुर्गों के साथ सभी वर्गों के बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी खास वजह यह है कि इस महीने में अल्लाह अपने बंदों की एक नेकी के बदले कई गुना सवाब (पुण्य) देता है। इस बार भी कौम ने पहले से मिजाज बनाकर रखा है कि चाहे मौसम की जीतनी तल्खी हो, हम उतने ही शिद्दत से रोजे रखकर अपने रब को राजी करेंगे।

रमजान को लेकर सज गए बाजार

वहीं पूरी दुनिया समेत राजधानी रायपुर में भी रमजान के लिए जरूरी तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गई हैं। शहर में रमजान को लेकर बाजार सज गए हैं। मस्जिदों में भी जिम्मेदारों ने साफ-सफाई से लेकर अन्य जरूरी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं। लाइटों से मस्जिदों को सजाया जा रहा है।

 

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