Supreme court orders status quo on counseling for remaining seats of neet pg: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह नीट-पीजी की शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग पर गुरुवार तक यथास्थिति बनाए रखे। साथ ही स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) से 146 नई सीटों को जोड़ने समेत इस पूरे मुद्दे पर पुनर्विचार करने को भी कहा। शीर्ष अदालत ने माना कि पहले के चरण की काउंसलिंग में अभ्यर्थियों के लिए 146 सीटें उपलब्ध नहीं थीं। इससे अभ्यर्थियों को इन सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल होने का मौका नहीं मिला।
डीजीएचएस से मुद्दे पर पुनर्विचार और 146 सीटों पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि ये सीटें उन छात्रों को आवंटित की गईं हैं जिनकी मेरिट पहले और दूसरे चरण की काउंसलिंग में शामिल छात्रों की तुलना में कम थी। पीठ ने कहा कि यह ऐसा पहलू है जिस पर डीजीएचएस को पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। पीठ में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी भी सदस्य थीं। शीर्ष अदालत डाक्टरों के एक समूह की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। डाक्टरों ने नीटी-पीजी 2021-22 की शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग में भाग लेने देने की मांग की है।
शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल होने की मांगी है अनुमति
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के नोटिस को चुनौती एक याचिका में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के 16 मार्च के नोटिस को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि इसमें एकरूपता का पालन नहीं किया गया है। इसमें कहा गया है कि अगर किसी छात्र ने राज्य के कोटे में पहले के चरण की काउंसलिंग में कोई सीट ले ली है तो वह शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग में शामिल नहीं हो सकता है।
पीठ ने कहा कि प्राथमिक तौर पर ऐसा लगता है कि नोटिस का समान रूप से पालन नहीं किया गया है और इससे संदेह हो सकता है कि क्या शेष बची सीटों के लिए काउंसलिंग के चरण में अखिल भारतीय कोटे में सीटों का आवंटन उचित है। पीठ ने केंद्र से इस पर गुरुवार तक जवाब देने को कहा है और तब तक काउंसलिंग में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है।