Problem, increse edible oil rate: digi desk/BHN/ई दिल्ली/ यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध के कारण इस साल की होली महंगी पड़ेगी। युद्ध के 20 दिन में खाद्य तेलों के दात प्रति किलो 30-40 रुपये तक बढ़ गए हैं, मेवा, दाल, चावल, सहित अन्य खाद्य सामान भी मंहगे हो गए हैं। ऐसे में गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की रसोई का बजट बिगड़ गया है। वही होली पर मंहगाई की मार गुजियों की मिठास पर भी पड़ेगी।
खाद्य तेलों के लिए भारत यूक्रेन से बड़ी मात्रा में सूरजमुखी (सनफ्लावर) का तेल आयात करता है। यूक्रेन के हालात बिगड़ने से वहां से माल आयात करने में बाधाएं आने से शहर में खाद्य तेलों के दाम प्रति किलो 30-40 रुपये बढ़ गए हैं। होली पर घर-घर गुझिया, पापड़, चिप्स, मठरी और दूसरे पकवान बनाने के लिए खाद्य तेल का इस्तेमाल होता है,जो काफी महंगा है। ऐसे में इस महंगाई के वार का असर होली के त्योहार पर भी दिखेगा। शहर के बड़े खाद्य तेल कारोबारियों की मानें तो 15 दिन पहले जिस खाद्य तेल (सोयाबीन रिफाइंड) की कीमत 2200 रुपये प्रति 15 किलो जार थी। वह अब 2450 रुपये का हो गया है। इससे सिर्फ त्योहार या तेल की खरीदारी पर ही नहीं, नमकीन और किराना बाजार पर भी खासा असर पड़ा है।