Operation ganga 4 ministers including jyotiraditya scindia will go to neighboring countries of ukraine as special envoys: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए मोदी सरकार ने ‘ऑपरेशन गंगा’ शुरू किया है। ताजा खबर यह है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत से मनचाहा समर्थन नहीं मिलने के बाद यूक्रेन बौखला गया है। यहां सुरक्षाकर्मी उन भारतीय छात्रों के साथ बुरा बर्ताव कर रहे हैं, जो सड़क के रास्ते पड़ोसी देश में दाखिल हो रहे हैं। भारत लौटे कई छात्रों ने इसकी शिकायत की है। अधिकांश छात्र कड़ाके की ठंड में 72 घंटे से अधिक समय तक फंसे रहे। कोई सुविधा नहीं दी गई। छात्रों में से कई ने आरोप लगाया कि उन्हें लात मारी गई, पीटा गया, घसीटा गया और कुछ से फोन भी छीन लिए गए।
4 मंत्री विशेष दूत बनकर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाएंगे
रूस और यूक्रेन की बीच बढ़ती तनातनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह एक बड़ी बैठक बुलाई। बैठक में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ ही विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए। बैठक में फैसला लिया गया कि Operation Ganga में तेजी लाई जाएगी। तय हुआ है कि मोदी सरकार के चार मंत्रियों को विशेष दूत बनाकर यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भेजा जाएगा। ये मंत्री हैं – हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (रिटा.) वीके सिंह। यूक्रेन की हवाई सीमा पूरी तरह बंद होने के कारण सरकार अपने नागरिकों को यूक्रेन के पड़ोसी देश तक ला रही है और वहां से हवाई मार्ग से भारत लाया जा रहा है। अब तक बड़ी संख्या में छात्रों को लाया जा चुका है, लेकिन हजारों भारतीय अब भी फंसे हैं।
शरद पवार ने विदेश मंत्री से की बात
इस बीच, महाराष्ट्र में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर बात की और यूक्रेन के खार्किव में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने पर चर्चा की। बेलगोरोड (रूस) मार्ग के माध्यम से निकासी पर भी चर्चा हुई। रोमानिया-पोलैंड सीमा पर फंसे छात्रों की सहायता के मामले पर भी बात हुई है। महाराष्ट्र मूल के छात्रों को भी भारत लाया जाना है।