Supreme court asked center to tell whether cryptocurrency legal or not: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह क्रिप्टो करेंसी पर अपना रुख साफ करे। कोर्ट ने अपनी मौखिक टिप्पणी में कहा, सरकार बताए कि क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन में लेन-देन कानूनी है कि गैरकानूनी। यह टिप्पणी जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने बिटक्वाइन लेन-देन घोटाले से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की। अजय भारद्वाज और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज मामले रद करने की मांग की है।
बिटक्वाइन लेन-देन घोटाले से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान किया सवाल
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश एडीशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि अभियुक्त जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और बताए कि क्रिप्टो करेंसी जिसमें बिटक्वाइन आदि शामिल हैं, में किया जाने वाला लेन-देन कानूनी है कि गैरकानूनी।
ASG एश्वर्य भाटी ने कहा, इस पर केंद्र सरकार स्पष्ट करेगी अपना रुख
भाटी ने कहा, सरकार इस पर रुख स्पष्ट करेगी, लेकिन यह मामला क्रिप्टो करेंसी या बिटक्वाइन की वैधानिकता का नहीं है बल्कि इस मामले में अभियुक्त ने हजारों लोगों को बिटक्वाइन में निवेश पर ज्यादा लाभ का लालच देकर ठगा है। यह पोंजी स्कीम जैसा घोटाला है। अभियुक्त के खिलाफ पूरे देश में 47 एफआइआर दर्ज हैं। मामला 87,000 बिटक्वाइन से जुड़ा है जो करीब 20,000 करोड़ रुपये का है।सुनवाई के बाद पीठ ने अभियुक्त को आदेश दिया कि जब भी बुलाया जाएगा वह प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होगा और जांच में सहयोग करेगा। कोर्ट ने जांच अधिकारी को चार सप्ताह में नई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया। मामले पर चार सप्ताह बाद फिर सुनवाई होगी। इस बीच अभियुक्त अजय भारद्वाज को गिरफ्तारी से मिला संरक्षण अगली तारीख तक जारी रहेगा।