Candidates list voting time fate of 109 candidates including two ministers will be locked in evms: digi desk/BHN/लखनऊ/ राजधानी की नौ सीटों के लिए बुधवार को मतदान होगा तो सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के सामने सबसे मजबूत किले को बचाने की कड़ी चुनौती होगी। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन, कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी की साख भी दांव पर होगी। गत चुनाव में नौ सीटों में से आठ पर भगवा लहराया था, लेकिन पांच वर्षों बाद भी क्या वोटर भाजपा के साथ है, यह देखना दिलचस्प होगा। बुधवार को दो मंत्रियों सहित 109 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में बंद होगा, जो 10 मार्च को खुलेगा।
गत चुनाव में भाजपा लहर में मोहनलालगंज को छोड़कर कैंट, पूर्व, उत्तर, मध्य, पश्चिम, सरोजनीनगर, बख्शी का तालाब और मलिहाबाद विधानसभा सीटों पर कमल खिला था। भाजपा ने इस बार नौ में से पांच सीटों पर नए चेहरों को उतारा है। इसमें सबसे चर्चित सीट सरोजनीनगर से मंत्री स्वाती सिंह का टिकट काटकर पूर्व पुलिस अफसर राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने पूर्व मंत्री प्रोफेसर अभिषेक मिश्र को साइकिल की सवारी करने का मौका दिया है। मुकाबला दिलचस्प है, देखना है कि मतदाता क्या फैसला लेते हैं।
राजेश्वर के अलावा प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों और केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर की साख भी दांव पर है। पूर्वी क्षेत्र से जहां आशुतोष टंडन अपनी तीसरी पारी खेलने उतरे हैं, वहीं कानून मंत्री इस बार सीट बदलकर कैंट से चुनौती दे रहे हैं। ब्रजेश गत चुनाव में मध्य क्षेत्र से चुनाव जीते थे, मगर इस बार उन्होंने सीट बदलने की इच्छा जताई थी। वहीं मलिहाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर की पत्नी जय देवी दूसरी बार विधायक बनने के लिए जोर लगा रही हैं। चुनाव में जय देवी जरूर खड़ी हैं, लेकिन राजनीति के पुराने माहिर कौशल किशोर की साख दांव पर है। देखना है कि कौशल का राजनीतिक कौशल फिर से मलिहाबाद में कमल खिला पाता है या नहीं।
बख्शी का तालाब से इस बार मौजूदा विधायक अविनाश त्रिवेदी की जगह भाजपा ने पुराने कार्यकर्ता योगेश शुक्ला पर भरोसा जताया है। यहां से सपा ने पूर्व विधायक गोमती यादव को खड़ा किया है। लखनऊ का चुनाव कई मायने में दिलचस्प होगा। दो मंत्रियों और केंद्रीय राज्य मंत्री के अलावा सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की भी प्रतिष्ठा चुनाव से जुड़ी है। राजनाथ लगातार लखनऊ में प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार करते रहे हैं। टिकट बंटवारे में भी राजनाथ सिंह की ही चली। लखनऊ के चुनाव की अहमियत इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यहां आधा दर्जन सभाएं कर पिछला रिकार्ड बरकरार रखने का संकल्प वोटरों को दिलाया है।