U-19 World Cup final: digi desk/BHN/ भारत की सीनियर टीम भले ही सिर्फ दो बार वनडे विश्व कप जीत पाई हो लेकिन यंगिस्तान ने सबसे ज्यादा पांच बार अंडर-19 विश्व कप अपने नाम किया है। यही कारण है कि जूनियर क्रिकेट में भारत का कोई जोड़ नहीं है। पिछली बार की उपविजेता भारतीय टीम इस बार भी खिताब की प्रबल दावेदार थी। शनिवार को सर विव रिचर्ड्स स्टेडियम में भारतीय तेज गेंदबाजों राज बावा और रवि कुमार ने शानदार गेंदबाजी कर भारत को एक और विश्व खिताब दिलाया। इस जीत में बावा (पांच विकेट) का अहम योगदान रहा जिन्होंने पांच विकेट निकालकर अंग्रेजों की कमर तोड़ दी। रवि कुमार के चार विकेट और शेख रशीद व निशांत सिंधू की 50-50 रनों की पारी ने भी जीत में अहम भूमिका निभाई। बीसीसीआई ने हर खिलाड़ी को 40-40 लाख और स्टाफ को 25-25 लाख रुपए की राशि देने का ऐलान किया है।
PM मोदी ने दी टीम को बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम को बधाई देते हुए ट्वीट किया। पीएम ने लिखा, हमारे युवा क्रिकेटरों पर बहुत गर्व है। आईसीसी U 1 9 विश्व कप जीतने के लिए भारतीय टीम को बधाई। उच्चतम स्तर पर उनके शानदार प्रदर्शन से पता चलता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित और सक्षम हाथों में है।
इंग्लिश टीम पिछली बार 1998 में फाइनल में पहुंची थी। तब उसने अब तक का एकमात्र खिताब जीता था। उसके बाद अंग्रेज यहां खिताब जीतने की आस लेकर आए थे लेकिन भारतीय टीम ने उनके सपने को चकनाचूर कर दिया। राज और रवि की दमदार गेंदबाजी का सामना जेम्स रेव (95) ही कुछ हद तक कर पाए जिससे इंग्लिश टीम बड़ी मुश्किल से 44.5 ओवर में 189 रन तक पहुंच पाई। जवाब में भारत ने 47.4 ओवर में छह विकेट पर 195 स्कोर कर मैच और खिताब अपने नाम कर लिया। इंग्लैंड की ओर से बायडन, सेल्स और एस्पिनवाल ने दो-दो विकेट चटकाए।
भारत की शुरुआत खराब
छोटे से लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत खराब रही। टीम का खाता भी नहीं खुला था तब अंगकृष रघुवंशी पवेलियन लौट गए। हालांकि इसके बाद हरनूर सिंह और शेख रशीद ने पारी को संभाला। दोनों बल्लेबाजों ने संयम दिखाया और खराब गेंदों को सीमा रेखा के बाहर भेजा। इस बीच, थामस एस्पिनवाल ने हरनूर को होर्टन के हाथों कैच आउट कराके इस साझेदारी का अंत किया। हरनूर ने 21 रन बनाए।
रशीद डटे, ढुल सस्ते में सिमटे
दूसरे छोर पर रशीद जमे रहे और उनका साथ देने कप्तान यश ढुल आए। इस बीच, रशीद ने अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन वह 50 रन के निजी स्कोर पर ही सेल्स का शिकार बने। हालांकि सेमीफाइनल के शतकवीर कप्तान ढुल खिताबी फाइनल में अच्छी फार्म में नहीं दिखे और 17 के स्कोर पर आउट हो गए। ढुल गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने के चक्कर में सेल्स की गेंद पर आउट हो गए।
सिंधू का पचासा
इस बीच, जब भारतीय टीम पर दबाव आ गया तो निशांत सिंधू का साथ पांच विकेट झटकने वाले राज बावा ने दिया। दोनों ने फाइनल के दबाव को झेला और संयम दिखाते हुए अपनी-अपनी पारी को आगे बढ़ाया। एक समय लग रहा था कि दोनों ही बल्लेबाज टीम को खिताब दिला देंगे लेकिन राज बावा इंग्लिश गेंदबाज बायडन की गेंद को समझ नहीं पाए और प्रेस्ट को कैच दे बैठे। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 67 रनों की साझेदारी की। हालांकि सिंधू ने अपना विकेट विकेट गंवाया और 54 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। उनका यह इस विश्व कप में पहला पचासा है। दिनेश बाना ने दो लगातार छक्के जड़कर टीम को खिताब जीत दिलाई।
इंग्लैंड को झटका
इससे पहले भारतीय टीम ने इंग्लैंड को दूसरे ही ओवर में झटका दिया। रवि ने बेथेल (02) को सस्ते में आउट किया। रवि ने इसके बाद प्रेस्ट को शून्य पर पवेलियन भेजा। रवि ने पहले दो ओवर में दो विकेट लिए। इंग्लैंड ने एक समय 91 रनों पर सात विकेट गंवा दिए थे लेकिन रेव और जेम्स सेल्स के बीच आठवें विकेट के लिए हुई 93 रनों की साझेदारी की बदौलत टीम ने सम्मानजनक स्कोर बनाया।