DCGI approves bharat biotech for trail of intranasal covid booster dose it will have these benefits: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को अपनी इंट्रानैसल कोविड बूस्टर डोज (Intranasal Booster Dose) के ट्रायल को मंजूरी दी है। डीसीजीआई के विषय विशेषज्ञों की समिति ने वैक्सीन की तीसरे चरण के अध्ययन के लिए ‘इन-प्रिंसिपल’ मंजूरी दी है। देश में अपनी तरह का पहला बूस्टर डोज होगा। इसे लेकर लगभग तीन सप्ताह पहले अप्रूवल के लिए प्रोटोकॉल जमा करने को कहा गया है।
पांच हजार लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल
इससे पहले भारत बायोटेक ने उन लोगों को बूस्टर डोज लगाने का प्रस्ताव दिया। जिन्हें पहले कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) का टीका लगाया गया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत बायोटेक का लक्ष्य पांच हजार लोगों पर क्लिनिकल ट्रायल करने का है। जिनमें 2500 वो लोग शामिल होंगे, जिन्हें कोविशील्ड वैक्सीन लगी है। जबकि बाकी 2500 लोग कोवैक्सीन की खुराक वाले होंगे। दूसरी डोज और इंट्रानैसल बूस्टर डोज के बीच करीब छह माह का गैप होगा।
इंट्रानैसल कोविड बूस्टर से क्या फायदे होंगे?
इंट्रानैसल कोविड बूस्टर के जरिए जख्म और वायरस का खतरा कम हो जाएगा। नाक के जरिए वैक्सीन देने से बच्चों के टीकाकरण में सहूलियल होगी। फिलहाल टीका लगाने के लिए इंजेक्शन दिया जा रहा है। नेसल वैक्सीन आने से इसे इस्तेमाल करना आसान होगा। वह कोरोना महामारी को रोकने में मदद मिलेगी।
कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मार्केट अप्रूवल
कोवैक्सीन और कोविशील्ड को डीसीजीआई ने कुछ शर्तों के साथ मार्केट में बेचने के लिए अनुमति दे दी है। अब दोनों वैक्सीन निजी अस्पताल में उपलब्ध होंगी। हालांकि इनका इस्तेमाल सिर्फ 18 साल से अधिक आयु के लोगों पर करने की इजाजत होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब निजी अस्पताल कंपनियों से सीधे वैक्सीन खरीद सकते हैं, लेकिन उन्हें हर डोज का हिसाब रखना होगा। बिना कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के किसी को डोज देने का अधिकार नहीं होगा। जिस हॉस्पिटल या नर्सिंग होम्स में वैक्सीन लगेगी। उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह वैक्सीन लगने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स का रिकॉर्ड रखे। वैक्सीन मेडिकल स्टोर पर नहीं बिकेंगी।