घरेलू हिंसा की पीड़िता को मिलेगी चार लाख रुपये तक सहायता
Commercial use of leased land in madhya pradesh will be expensive will have to pay more than twice the: digi desk/BHN/भोपाल/ प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में पट्टे के भूखंड का व्यावसायिक उपयोग करना महंगा पड़ेगा। इसके लिए अब अलग से लीज रेंट (वार्षिक भू-भाटक) अलग से देना होगा। यह व्यवस्था शहरों में आवासीय भूखंडों के बढ़ते मिश्रित उपयोग को देखते हुए बनाई गई है। वहीं, नगरीय क्षेत्र
में शामिल होने वाले गांवों की आबादी भूमि के मिश्रित उपयोग के लिए आवासीय और व्यावसायिक पट्टे अलग-अलग दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
राज्य सरकार के प्रवक्ता गृह मंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि कई नगरीय निकायों में ग्रामीण क्षेत्र शामिल हुए हैं। अभी आबादी क्षेत्र में भूखंड पर ऋण नहीं मिल पाता था। नगरीय क्षेत्र में शामिल ग्रामीण क्षेत्र के भूखंड का आवासीय और व्यावसायिक उपयोग किए जाने पर भी अलग-अलग पट्टे दिए जाएंगे। यह सुविधा सिर्फ एक बार ही दी जाएगी। इसी तरह शासकीय भूमि के पट्टेधारक का उतने भाग के लिए अलग से लीज रेंट देना होगा, जितने हिस्से का उपयोग वह व्यावसायिक तौर पर कर रहा है। आवासीय उपयोग के भाग की दर अलग रहेगी।
बैठक में मध्यप्रदेश में घरेलू हिंसा की पीड़िता बालिका या महिला को आर्थिक सहायता देने के लिए योजना को मंजूरी दी गई। इसमें 40 प्रतिशत से कम अंग भंग होने की स्थिति में दो लाख रुपये और इससे अधिक दिव्यांगता पर चार लाख रुपये तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती के माध्यम से भरने का निर्णय लिया गया।
साथ ही यह भी तय किया गया है कि शेष 75 प्रतिशत पदों पर पहले से कार्यरत द्वितीय श्रेणी चिकित्सा अधिकारियों को क्रमोन्न्ति दी जाएगी। भोपाल गैस पीड़ित और उनके बच्चों के इलाज के लिए आयुष्मान निरामयम योजना के अंतर्गत कार्ड बनाए जाएंगे। उपचार में पांच लाख रुपये से अधिक व्यय होने पर प्रतिपूर्ति भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग करेगा।
अन्य निर्णय
- – स्वशासी इंजीनियरिंग कालेज और पालिटेक्निक में रिक्त व्याख्याता के पदों पर 11 माह के लिए अतिथि व्याख्याता नियुक्त किए जाएंगे। इन्हें 30 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।
- – लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग के तहत कंपनी गठित होगी, जो परिसंपत्तियों के प्रबंधन का काम देखेगी।
- – विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग का नाम बदलकर घुमन्तु और अर्द्धघुमन्तु जनजाति विभाग होगा।
- – शासकीय सेवकों को प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित विभागीय परीक्षा में पांच प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
- – उज्जैन औद्योगिक क्षेत्र में शबा सिलेंडर प्राइवेट लिमिटेड को आक्सीजन सिलेंडर निर्माण इकाई लगाने के लिए 50 हजार वर्ग फीट भूमि आवंटित ।
- – सामान्य वर्ग कल्याण आयोग नई योजना बनाने, पुराने कार्यक्रमों में परिवर्तन करने के साथ अन्य विषय पर भी सुझाव देगा।