Alert what if 100 percent of the population did not get the corona vaccine read un chief reply: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ कोरोना महामारी की तीसरी लहर ने जहां भारत में लोगों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, वहीं दुनिया के हालात देख संयुक्त राष्ट्र (UN) के माथे पर भी बल पड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र लगातार प्रयास कर रहा है कि कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण को हथियार बनाया जाए। सक्षम देश उन देशों की मदद करें जहां टीकों और संसाधन की कमी है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया को चेतावनी दी कि COVID-19 के खिलाफ हर व्यक्ति का टीकाकरण बहुत जरूरी है। उन्होंने साफ कहा कि यदि हर एक शख्स का टीकाकरण नहीं किया गया तो कोरोना के नए वेरिएंट पैदा होंगे और लोगों को बीमार करेंगे।
2022 विश्व आर्थिक मंच (WEF) को संबोधित करते हुए गुटेरेस ने दुनिया भर में टीकाकरण अभियान को तेज करने और उन देशों को टीके प्रदान करने में मदद करने पर जोर दिया, जिनके पास घातक संक्रामक वायरस के खिलाफ टीके नहीं हैं। गुटेरेस ने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ 2022 में अच्छा मौका है। यदि सभी देश साथ आए तो महामारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘पिछले दो वर्षों ने दुनिया ने एक क्रूर सच्चाई को जाना है कि अगर हम किसी को पीछे छोड़ते हैं, तो हम सभी को पीछे छोड़ देते हैं।’
कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने आगाह किया कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट आ सकते हैं और यह भविष्य में सामान्य जनजीवन के साथ ही अर्थव्यवस्थाओं पर असर डालेंगे। गुटेरेस ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कोरोनो महामारी की स्थिति से समानता और निष्पक्षता से निपटने का आग्रह किया। उन्होंने COVID टीकाकरण पर अमीर देशों की खिंचाई करते हुए कहा, ‘शर्मनाक’, विकसित देशों में टीकाकरण दर अफ्रीकी देशों की तुलना में सात गुना अधिक है। गुटेरेस ने इस बात पर भी चिंता जताई कि दुनिया में अभी टीकाकरण की स्थिति विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा निर्धारित लक्ष्यों के आसपास भी नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2021 के अंत तक दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी और 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत का टीकाकरण करने का आह्वान किया था।