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Sakat Chauth: सभी संकटों को दूर कर देती है संकट चौथ, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व

Sakat Chauth 2022: digi desk/BHN/नई दिल्ली/  पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक सकट चौथ का व्रत माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष सकट संकष्टी 21 जनवरी को मनाई जाएगी। देश में अलग अलग स्थानों पर इस धार्मिक पर्व को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी, लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी, तिलकुट चौथ, तिलकुट चतुर्थी, संकट चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ आदि नामों से जाना जाता है।

सकट चौथ पर भगवान गणेश की होती है पूजा
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को मोदक, लड्डू का भोग लगाया जाता है। साथ ही भगवान गणेश को दूर्वा का भोग लगाया जाता है। पूजा के समय गणेश स्तुति, गणेश चालीसा और सकट चौथ व्रत का पाठ करना शुभ माना जाता है।
सभी संकटों का होता है निवारण

सकट चौथ का व्रत करने से सभी संकटों का निवारण होता है, यही कारण है कि इसे संकट चौथ भी कहा जाता है। सकट चौथ का व्रत संतान की सुरक्षा और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।भगवान गणेश की कृपा से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और दुख और परेशानी दूर हो जाती है।

सकट चौथ पर इस वर्ष बनेगा शुभ योग
साल 2022 में सकट चौथ पर सौभाग्य योग बन रहा है, जो बहुत शुभ माना जा रहा है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य और पूजा हमेशा सफलता दिलाती है। सकट चौथ पर सौभाग्य योग दोपहर 03:06 बजे तक रहेगा और उसके बाद शोभन योग शुरू होगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सकट चतुर्थी इस साल 22 जनवरी है और सुबह 09:14 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त है। चंद्रोदय के समय के अनुसार सकट चौथ का व्रत करना उचित है। 22 जनवरी को चतुर्थी तिथि को चंद्रोदय नहीं होगा। यह व्रत संतान की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रेष्ठ माने जाने वाले अभिजीत मुहूर्त भी 21 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 54 मिनट तक रहेंगे। सकट चौथ के दिन सुबह से दोपहर 03.06 बजे तक सौभाग्य योग होता है। उसके बाद शोभन योग शुरू होगा जो 22 जनवरी को दोपहर तक है।

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