Life imprisonment to father and uncle who threw the dead body in chambal river after beheading the daughter in morena: digi desk/BHN/मुरैना/अंबाह/अंबाह न्यायालय ने बेटी की हत्या के जुर्म में मृतका के पिता और चाचा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पिता और चाचा ने युवती की इसलिए हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया था, क्योंकि वह प्रेमी से शादी करना चाहती थी। इस अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाने में मृतका के मोबाइल से हुआ एक मैसेज सजा का मजबूत आधार बन गया।
मामले में शासन की ओर से पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक गिरजेश खत्री ने बताया कि 2 जून 2019 को चंबल नदी के रायपुर घाट पर एक युवती का शव मिला था। पहचान अंबाह निवासी ओमकार सिंह तोमर की 19 साल की बेटी कौशकी उर्फ प्रिया तोमर के तौर पर हुई। ओंकार ने अपनी बेटी के लापता तक होने की जानकारी भी पुलिस को नहीं दी, इसलिए पहला शक स्वजनों पर ही गया। पता चला कि युवती मुरैना में रहकर पढ़ाई करती थी। इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले युवक से उसका मेल-जोल हो गया। यह बात ओंकार सिंह तोमर को पता लगी तो मुरैना से बेटी को अंबाह अपने घर ले गए, पढ़ाई छुड़वा दी। इसके बाद युवती की शादी के लिए रिश्ता तय कर दिया, लेकिन युवती अपने प्रेमी से ही शादी के लिए अड़ी थी।
इसी बात पर 45 वर्षीय ओमकार सिंह पुत्र मलखान सिंह तोमर ने 36 साल के अपने छोटे भाई शिवकांत उर्फ शिवकांत पुत्र मलखान सिंह तोमर के साथ मिलकर बेटी को बुरी तरह पीटा, फिर गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद सिर को काटकर बोरी में बंद किया और रात के अंधेरे में ट्रैक्टर में रखकर सिर व धड़ को चंबल नदी में फेंक दिया, जिससे मृतका की पहचान न हो सके। इस सनसनीखेज मामले में अंबाह न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह ने शनिवार को फैसला सुनाते हुए मृतका के चाचा ओंकार सिंह तोमर व चाचा शिवकांत सिंह तोमर को आजीवन कारावास व आठ-आठ हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।