Iaf report on the death of cds general rawat in a plane crash explained the reason for the accident: digi desk/नई दिल्ली/ सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर क्रैश की ट्राई सर्विस जांच ने अब आधिकारिक तौर पर साफ कर दिया है कि यह दुर्घटना न किसी तकनीकी खराबी या लापरवाही से हुई और न ही इसके पीछे कोई साजिश थी। स्थानीय स्तर पर अचानक बदले मौसम में बादलों के आ जाने से पायलट आकाशीय भटकाव के शिकार हो गए और इसी दरम्यान हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के साथ इस हेलीकाप्टर में सवार सभी 14 सैन्यकर्मी और पायलटों की मौत हो गई थी।
जनरल रावत को ले जा रहे सेना के हेलीकाप्टर एमआई-17 वी5 के बीते आठ दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच के लिए रक्षा मंत्रालय ने एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ट्राई सर्विस जांच समिति का गठन किया था। जांच समिति ने पिछले हफ्ते ही इस हादसे को लेकर अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को रूबरू कराया था।
दुर्घटना के पीछे तकनीकी खराबी, साजिश या लापरवाही के साक्ष्य नहीं
रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को समिति के जांच निष्कर्षों को सार्वजनिक किया। इसमें साफ किया गया है कि दुर्घटना में किसी तरह की साजिश, लापरवाही और तकनीकी खराबी के कोई साक्ष्य नहीं हैं। जांच समिति ने हेलीकाप्टर के फ्लाइट डाटा रिकार्डर, काकपिट वायस रिकार्डर के साथ दुर्घटना के प्रत्यक्षदर्शी लोगों से पूछताछ की जिससे साफ है कि तमिलनाडु के कुन्नूर के इलाके में मौसम में अप्रत्याशित बदलाव हुआ और हेलीकाप्टर बादलों के बीच आ गया। इसकी वजह से पायलट आकाशीय भटकाव में फंस गए और हेलीकाप्टर पहाड़ी से टकरा कर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
ट्राई सर्विस जांच समिति ने इस दुर्घटना की जांच की पड़ताल के साथ ही भविष्य में ऐसी चुनौतियों और खतरों से निपटने के लिए कुछ सिफारिशें भी दी हैं और रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन सिफारिशों की समीक्षा की जा रही है। मंत्रालय ने इन सिफारिशों का फिलहाल ब्योरा नहीं दिया है।