The first pradosh fast of the year 2022 will be celebrated in brahma yoga know its importance: digi desk/BHN/ग्वालियर /प्रदोष व्रत हर माह की शुक्ल और कृष्ण पक्ष में पड़ता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि भगवान शिव को समर्पित यह व्रत करने से संतान सुख के साथ-साथ घर परिवार में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। जब शनिवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं। शनि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी प्राप्त होती है। इस बार 15 जनवरी को साल का पहला शनि प्रदोष व्रत पड़ रहा है। पुराणों के अनुसार प्रदोष के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। इसी वजह से लोग शिव जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन प्रदोष व्रत रखते हैं। इस दिन भगवान शिव सहित शनि देव की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत पर मंदिर में जाकर या घर पर ही बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें। पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। प्रदोष बेला में फिर से भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक कर शिवलिंग पर बेलपत्र, कनेर, धतूरा, फूल, धूप, दीप, फल, पान, सुपारी आदि अर्पित करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ करें। पूजा का समापन शिवजी की आरती के साथ करें।
अलग-अलग वारों के अनुसार प्रदोष व्रत के लाभ
- -सोमवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से मनोइच्छा की पूर्ति के साथ आरोग्य प्राप्त होता है।
- -मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से रोगों से मुक्ति व स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
- -बुधवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से सभी मनोकामना पूरी होती है।
- -गुरुवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- -शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से सौभाग्य के साथ दांपत्य जीवन की सुख-शांति प्राप्त होती है।
- -शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को करने से संतान प्राप्ति होती है।