Chances of rain in rewa jabalpur shahdol sagar divisions of madhya pradesh there is also a possibility of hail fall: digi desk/BHN/भोपाल / अलग-अलग स्थानों पर बने चार वेदर सिस्टम के कारण मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बिगड़ गया है। मंगलवार को प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ीं। पूर्वी मप्र के कुछ जिलों में ओलावृष्टि भी हुई। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को भी बादल बने रहने के साथ पूर्वी मप्र के रीवा, जबलपुर, शहडोल, सागर संभागों के जिलों में बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान कहीं -कहीं ओले भी गिर सकते हैं। हालांकि बुधवार को दोपहर के बाद राजधानी भोपाल सहित पश्चिमी मप्र में मौसम धीरे-धीरे साफ होने की संभावना है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते चौबीस घंटों के दौरान मंडला में 30.7, उमरिया में 30.2, रीवा में 25.4, जबलपुर में 20.7, सागर में 18.6, नरसिंहपुर में 17 मिमी और पचमढ़ी में 13 मिमी बारिश दर्ज ई। इस दौरान कहीं-कहीं 4-10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से सर्द हवाएं भी चलीं।
मौसम विज्ञानियों के अनुसार वर्तमान में उत्तरी पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। इसके प्रभाव से दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात बन गया है। इस चक्रवात से एक ट्रफ मध्य प्रदेश से होकर तेलंगाना तक बना हुआ है। उत्तर प्रदेश के मध्य में भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इन चार वेदर सिस्टम के सक्रिय रहने के कारण प्रदेश में बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हो रही है।
मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मंगलवार को राजधानी भोपाल का अधिकतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से आठ डिग्री से.कम रहा। यह इस सीजन में अब तक दिन का सबसे कम तापमान रहा। साथ ही छह साल बाद दिन का इतना कम तापमान भी रहा। इसके पहले 31 दिसंबर 2014 को अधिकतम तापमान 15.5 डिग्री से दर्ज किया गया था। वहीं बुधवार को भोपाल में न्यूनतम तापमान 12.4 डिग्री से. रिकार्ड हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि बुधवार से पश्चिमी मप्र से मौसम साफ होने लगेगा, लेकिन पूर्वी मप्र के जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर संभागों के जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है। अब रात के तापमान में भी तेजी से गिरावट होने के आसार हैं।