Thousands of devotees reached moksh dham gaya ji for mini pitru paksha such is its religious importance-and worship method: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ प्राचीन काल से ही मोक्ष धाम के रूप विख्यात गयाजी में हर साल पौष मास में मिनी पितृ पक्ष मनाया जाता है। सोमवार को पौष मास के शुरू होने के साथ ही गया में हजारों लोगों ने पिंडदान किया। इस दौरान गया में पितृपक्ष के लिए जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, गुजरात समेत देश के कई राज्यों से दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे।

Spiritual: मोक्ष धाम गया में छोटे पितृपक्ष के लिए पहुंचे हजारों श्रद्धालु, जानिए इसका धार्मिक महत्व और पूजा विधि
गौरतलब है कि पौष माह में पड़ने वाला लघु पितृ पक्ष एक माह तक चलता है। इस दौरान देश के ठंडे इलाकों से अधिकतर श्रद्धालु यहां आते हैं और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान करते हैं। गंगा स्नान के उद्देश्य से अपने घरों से निकलने वाले अधिकांश भक्त पिंडदान करने के लिए गयाजी आते हैं।
2.5 लाख लोगों के आने की उम्मीद
गया में पूजा पाठ व पिंड दान से जुड़े पुजारियों का कहना है को कोरोना संक्रमण में ढील मिलने के बाद मिनी पितृपक्ष में ढाई लाख से अधिक पिंडदानियों के आने की संभावना है।
20 करोड़ की पूजन सामग्री का कारोबार
जानकारों के मुताबिक महंगाई बढ़ने से एक भक्त को पिंडदान सामग्री, दक्षिणा से पंडाजी, रहने, खाने-पीने की चीजों पर औसतन करीब दो हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। यानी इस साल मिनी पितृ पक्ष में 20 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होने की उम्मीद है।