Admission will be done through joint entrance examination in all central universities from the new academic session: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ देशभर के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने की योजना इस साल भले ही पूरी नहीं हो पाई, लेकिन सरकार ने आने वाले नए शैक्षणिक सत्र में इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए कमर कस ली है। फिलहाल इसकी तैयारी तेजी से चल रही है। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से इस संबंध में सहमति पत्र लिए जा रहे हैं। साथ ही पाठ्यक्रमों आदि का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है।
NTA ने तेज की तैयारी, विश्वविद्यालयों से मांगी गई स्वीकृति
छात्रों और अभिभावकों के लिहाज से यह कदम काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि अभी उन्हें किसी कोर्स में दाखिले के लिए कई विश्वविद्यालयों में आवेदन करना पड़ता है। साथ ही सभी जगह प्रवेश परीक्षा में भी शामिल होना होता है। इस दौरान जिस विश्वविद्यालय में दाखिले की प्रक्रिया पहले शुरू होती है, उनमें वह दाखिला ले लेता है, लेकिन बाद में पसंद के विश्वविद्यालय में दाखिला मिलने पर वह वहां चला जाता है। ऐसे में छात्र और अभिभावकों को आर्थिक नुकसान और मानसिक तनाव से गुजरना होता है। साथ ही एक ही छात्र की ओर से कई विश्वविद्यालयों में सीटें आरक्षित करने से योग्य छात्रों को दाखिला नहीं मिल पाता। इस पूरी प्रक्रिया में शैक्षणिक संस्थानों को भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
देश में हैं 50 से ज्यादा केंद्रीय विश्वविद्यालय
सूत्रों की मानें तो विश्वविद्यालयों में दाखिले से जुड़ी इस परीक्षा में अभी सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालय शामिल होंगे। बाद में इसमें राज्य विश्वविद्यालय और कालेज भी शामिल हो सकेंगे। बता दें कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए जेईई व नीट जैसी संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने का सुझाव दिया गया है। मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से चर्चा कर सहमति लेने को कहा गया है। दिसंबर अंत तक इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करना है, ताकि समय से दाखिले की तैयारी शुरू हो सके। जेईई व नीट जैसी परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को इस परीक्षा को कराने का दायित्व दिया गया है। गौरतलब है कि देश में मौजूदा समय में 50 से ज्यादा केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।