Solar eclipse 2021: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर, शनिवार को पड़ा। भारतीय समयानुसार सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) की शुरुआत सुबह 10 बजकर 59 मिनट हुई और यह दोपहर 3 बजकर 7 मिनट तक रहा। Surya Grahan की कुल अवधि 4 घंटे 4 मिनट रही। भारत में यह Surya Grahan नहीं दिखाई दिया इसलिए सूतक काल भी नहीं रहा (धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है)। यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में दिखाई दिया। मौसम साफ रहा इसलिए NASA के YouTube चैनल पर सीधा प्रसारण किया।
ज्योतिष कहता है, ग्रहण नहीं दिखेगा, लेकिन असर सब पर होगा
पंचांग अनुसार मार्गशीर्ष मास की अमावस्या को वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में यह सूर्य ग्रहण लगा । ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भले ही भारत में सूर्य ग्रहण न दिखाई दिया, लेकिन धार्मिक मान्यताओं के कारण इसका असर सभी पर होगा। माना जाता है कि सूतक काल में कोई शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। सूतक काल समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और पृथ्वी पर छाया डालता है, कुछ क्षेत्रों में सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध करता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के लिए, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी को एक सीधी रेखा में होना आवश्यक है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, एकमात्र स्थान जहां यह पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई दिया, वह अंटार्कटिका है। कुछ स्थानों पर आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई दिया।