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Vastu Tips: घर पर इस दिशा में नहीं रखें पानी की टंकी, बढ़ सकती हैं मुश्किलें!

Vastu Shastra Tips: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ जरूरत के समय पानी की कमी नहीं हो। इसके लिए लोग अपने घर की छत पर पानी की टैंक लगवाते हैं। टैंक लगवाते समय आमतौर पर यह ध्यान नहीं रखा जाता कि टैंक की सही दिशा क्या होनी चाहिए। जबकि वास्तुशास्त्र के अनुसार पानी का टैंक वास्तु को बहुत अधिक प्रभावित करता है। उपयुक्त दिशा में टैंक नहीं होने पर व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामाना करना पड़ सकता है। इससे उन्नति में भी बाधा आती और स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। इसलिए पानी का टैंक लगवाते समय वास्तु का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

वास्तुविज्ञान के अनुसार उत्तर एवं पूर्व दिशा जल के लिए उत्तम दिशा है। इस दिशा में घर के अंदर वॉटर प्यूरिफायर, घड़ा अथवा दूसरे जल पात्र का होना शुभ होता है जबकि इस दिशा में पानी का टैंक होने पर वास्तु दोष उत्पन्न हो जाता है। इससे व्यापार में नुकसान, घर में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव अथवा आकस्मिक दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। उत्तर पूर्व दिशा भी पानी का टैंक रखने के लिए उचित नहीं है इससे तनाव बढ़ता है और पढ़ने-लिखने में बच्चों का मन नहीं लगता है। दक्षिण पूर्व दिशा को भी पानी का टैंक लगाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है क्योंकि इस दिशा को अग्नि की दिशा कहा गया है। अग्नि और पानी का मेल होने से गंभीर वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

वास्तु विज्ञान के अनुसार दक्षिण पश्चिम यानी नैऋत्य कोण अन्य दिशा से ऊंचा और भारी होना शुभ फलदायी होता है। छत पर पानी का टैंक इस दिशा में लगाने से अन्य भागों की अपेक्षा यह भाग ऊंचा और भारी हो जाता है। इसलिए उन्नति और समृद्घि के लिए दक्षिण पश्चिक दिशा में पानी का टैंक लगाना चाहिए। इस दिशा टैंक लगाते समय यह भी ध्यान रखें कि इस दिशा की दीवार टैंक से ऊंची हो इससे आय में वृद्धि होती है और लंबे समय तक मकान का सुख मिलता है। अगर दक्षिण पश्चिम दिशा में टंकी लगाना संभव नहीं हो तक दक्षिण अथवा पश्चिक दिशा में विकल्प के तौर पर टंकी लगाया जा सकता है। लेकिन यह ध्यान रखें कि दक्षिण की दीवार टंकी से ऊंची हो।
जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत जरुरी है, मगर सफलता सिर्फ मेहनत से ही नही मिलती उसके लिए कुछ अतिरिक्त्त भी करना पड़ता है। मेहनत के साथ -साथ ये भी देखना चाहिए की मेहनत सही समय और सही दिशा में की जाए। इस सब की सटीक जानकर हमें वास्तु विज्ञानं से मिलती है। जैसे कि कोई भी शिष्य अध्यापक के सामने चाहे हर सवाल का सही उत्तर दे, परन्तु सफल वही होता है जो परीक्षा में सही जबाब लिखता है।

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