Agricultural Bills repealed: digi desk/BHN/नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद अलग दलों से नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस लेने पर सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश व पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते सरकार ने दबाव में यह फैसला लिया है। वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। किसान संगठनों की ओर से राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक आने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार कानून वापस नहीं लेती है, तब तक किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। किसान आंदोलन ने कृषि कानून वापसी पर सरकार के फैसले का स्वागत किया है। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें। इधर संयुक्त किसान मोर्चा ने तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ़ैसले का स्वागत किया है। हम संसदीय प्रक्रियाओं के माध्यम से घोषणा के प्रभावी होने की प्रतीक्षा करेंगे। अगर ऐसा होता है तो यह भारत में एक साल के किसान संघर्ष की ऐतिहासिक जीत होगी।
झुका अहंकार का सिर- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।अन्याय के ख़िलाफ़ यह जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने यह फ़ैसला उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है।
इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे- कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 700 से ज़्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि क़ानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है। साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।
हार के डर से कानून वापस लिए – संजय राउत
इधर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं। सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई।
700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी – केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं सभी देशवासियों को गुरू नानक देव की जयंती पर बधाई देता हूं। आज के दिन किसानों को बहुत बड़ी सफलता मिली है। मैं देश के सभी किसानों को बधाई देता हूं। अगर ये 3 कृषी क़ानून पहले वापस हो जाते तो 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी। वहीं दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि निरंकुश सरकार को किसानों के सच्चे आंदोलन के सामने झुकना पड़ा है। किसान लगातार इस कानून को खत्म करने के मांग कर रहे थे। इन कानूनों के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं थी।
सरकार चुनाव से डर गई – अखिलेश यादव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि 3 कृषि क़ानून किसान हित में तो वापस हुए ही हैं लेकिन सरकार चुनाव से डर गई और वोट के लिए क़ानून वापस लिए हैं… हो सकता है कि सरकार चुनाव के बाद फिर से ऐसा कोई क़ानून लेकर आए। यह भरोसा कौन दिलाएगा कि भविष्य में ऐसे क़ानून नहीं आएंगे, जिससे किसान संकट में आए?
मोदी सरकार सीएए कानून भी लेगी वापस – ओवैसी
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है। यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है। चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी।
किसानों को धरना खत्म करना चाहिए – अनिल विज
हरियाणा गृह मंत्री अनिल विज ने अंबाला में कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। सभी किसानों को इसका स्वागत करना चाहिए, अब उन्हें अपने धरने समाप्त कर देने चाहिए।
एमएसपी पर जारी रहेगा किसान आंदोलन- किसान नेता
कृषि कानून रद्द होने पर ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा का स्वागत करता हूं। जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है, तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी। MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा।