गधों के नाम सलमान, शाहरूख, दीपिका, रणवीर, करिश्मा, ऋतिक रखे गए
इस मेले में अब तक डेढ़ से दो करोड़ का व्यापार
सतना,भास्कर हिंदी न्यूज़/ दीपोत्सव मेला के साथ-साथ चित्रकूट में हर वर्ष आयोजित होने वाला ऐतिहासिक गधा मेला का भी आयोजन किया गया। मेले में हजारों की संख्या में लोग गधे लेकर पहुंचे। जिन्हें खरीदीने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। बताया गया कि गधा मेला दीपावली से तीन दिन तक मंदाकिनी नदी के किनारे क्योट्रा में आयोजित किया गया जाता है।
दरअसल धर्मनगरी चित्रकूट में गधों के मेला की शुरूआत मूर्तिभंजक औरंगजेब ने शुरू की थी। तब से आज तक हर वर्ष दीपावली के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन होता है। जहां दूर-दूर से गधों के व्यापारी आते हैं। अब तक चित्रकूट में लगभग 10 हजार गधे मेले में शामिल हुए। जहां गधों को खरीदा और बेचा गया।इस मेले में सबसे ज्यादा महंगी बोली सलमान नाम के गधे की लगाई गई जो कि डेढ़ लाख में बिका है।
देश भर से आते हैं गधे, कलाकारों पर नाम
मेला के संयोजक मुन्ना मिश्रा ने बताया कि चित्रकूट में लगने वाले ऐतिहासिक गधा मेला में शामिल होने के लिए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान से गधा मालिक अपने-अपने गधों को लेकर बेचने और खरीदने आते हैं। इन गधों का काम खच्चर के लिए होता है और जो नस्ल सबसे अच्छी होती है उसकी बोली ऊंची लगती है।
यहां बालीवुड के कलाकारों के नाम पर गधों के नाम रखे जाते हैं और बोली लगाई जाती है। इस बार गधों के नाम शलमान, शाहरूख, दीपिका, रणवीर, करिश्मा, ऋतिक आदि रखे गए हैं। जिसमें से सलमान 1.50 लाख, दीपिका 1.25 लाख, शाहरूख 70 हजार, रणबीर 50 हजार और ऋतिक नाम के गधे की बोली 30 हजार में लगाई गई। तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले में अब तक डेढ़ से दो करोड़ का व्यापार हो चुका है।
नगर परिषद को होता है फायदा
मेला में आने वाले हर व्यापारी से गधों को बांधने के लिए प्रति खूंटा के हिसाब से वसूली की जाती है। हालांकि अब नगर परिषद द्वारा वसूली को ठेका किया जाने लगा है। जिससे ठेकेदार द्वारा गधों के मालिकों से एक खूंटे का 30 रुपये शुल्क लिया जाता है। इसके बाद यदि गधा बिक गया तो गधा बेचने वाले व्यापारी से 500 रुपये अलग से वसूले जाते हैं। ये अपने आप में एक अनूठा मेला है जहां सिर्फ गंदगी ही गंदगी होती है और लोग गधों को खरीदने या बेचने के लिए ही आते हैं। प्रशासन द्वारा सुरक्षा या व्यवस्था के लिए कोई कर्मचारी तैनात नहीं किया जाता।