Facial recognition system: digi desk/BHN/ फेसबुक (Facebook) अपना फेशियल रिकग्निशन सिस्टम (Facial Recognition System) इस महीने बंद कर देगा। कंपनी ने लोगों की निजता में दखल देने के आरोप लगने पर यह फैसला लिया है। साथ ही एक अरब यूजर्स के फेस स्कैन का डेटा भी डिलीट करेगा। इस सिस्टम के कारण फेसबुक को सरकारी जांच, मुकदमों और नियामक संस्थाओं की सख्ती का सामना करना पड़ रहा है।
दिसंबर 2010 में आया था फीचर
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के वाइस प्रेसिडेंट जेरोम पेसेंटी ने एक ब्लॉग पोस्ट में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सोशल नेटवर्किंग कंपनी बदलाव कर रही है, क्योंकि फेशिसल रिकग्निशन टेक्नोलॉजी को लेकर सोसायटी में काफी चिंताएं हैं। बता दें दिसंबर 2010 में फेसबुक ने यह फीचर रोलआउट किया था। कंपनी ने कहा था कि फेशियल रिकग्निशन सिस्टम खुद यूजर के डिजिटल फोटो एल्बम और सजेस्टेड यूजर्स की लिस्ट में आए लोगों के चेहरे को पहचानता है।
फेसबुक की पेशी 18 नवंबर को
इधर दिल्ली विधामसभा की शांति एवं सद्भाव समिति ने फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधि को 14 दिन की मोहलत दी है। समिति ने 18 नवंबर को पेश होने को कहा है। बता दें फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के केस में फेसबुक भारत के प्रतिनिधि को तलब किया गया था। जिस पर कंपनी ने दो सप्ताह की मोहलत मांगी थी।
फेसबुक ने बदला अपना नाम
वहीं फेसबुक ने अपनी कंपनी का नाम बदलकर मेटा कर दिया है। बीते कई दिनों से इस तरह की चर्चा थी कि मार्क जकरबर्ग एक नए नाम के साथ अपनी कंपनी को रीब्रांड करने की योजना बना रहे हैं। फेसबुक को नया नाम एक भारतीय मूल के कर्मचारी समिध चक्रवर्ती ने दिया है। इसकी घोषणा करते हुए मार्क जकरबर्ग ने कहा कि हमने सामाजिक मुद्दों से जूझने और क्लोज्ड प्लेटफार्मों में काम करते हुए बहुत कुछ सीखा है। अब हमने जो कुछ भी सीखा है उसे आगे बढ़ाने का समय है। फेसबुक एक मेटावर्स बनाने में लगा है, जो मूल रूप से एक ऑनलाइन दुनिया है। जहां लोग आभासी वातावरण में विभिन्न डिवाइसेस का उपयोग कर सकते हैं। इसे पूरा करने के लिए कंपनी ने वर्चुअल रियलिटी और ऑगमेंटेड रियलिटी में काफी निवेश किया है।