Dussehra 2021 : digi desk/BHN/ मंदसौर/ दशहरे (15 अक्टूबर) पर सुबह नामदेव छीपा समाज के पुरुष व महिलाए खानपुरा स्थित बड़ा लक्ष्मीनारायण मंदिर पर एकत्र हुए। यहां से ढोल के साथ रावण प्रतिमा के यहां पहुंचे। सुबह 10:30 बजे रावण प्रतिमा की धूम-धाम से पूजा-अर्चना की।
बीमारी व महामारी से दूर रखने के लिए प्रार्थना
समाज के लोगों ने रावण बाबा से पूरे क्षेत्र को बीमारी व महामारी से दूर रखने के लिए प्रार्थना की और रावण प्रतिमा के पैर में लच्छा भी बांधा हैं। अब शाम को गोधूलि वेला में रावण प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर माफी मांगेंगे और प्रतिमा के गले में पटाखे की लड़ लगाकर प्रतीकात्मक वध करेंगे।
खानपुरा में 400 साल पुरानी रावण की प्रतिमा
उल्लेखनीय है कि मंदसौर शहर की घनी बस्ती वाले पुराने क्षेत्र खानपुरा में 400 साल पुरानी रावण की प्रतिमा है। रावण को जमाई राजा मानकर दशहरे (15 अक्टूबर) को नामदेव छीपा समाज पूजा-अर्चना करता है। प्रचलित मान्यता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी का पीहर मंदसौर में ही था।
रावण को जमाई राजा मानकर पूजा जाता है
इसके चलते खानपुरा क्षेत्र में रावण को जमाई राजा मानकर पूजा जाता है। समाज के लोग ढोल बाजे के साथ धूमधाम से रावण प्रतिमा के सामने पहुंचे और फिर पूजा-अर्चना कर पैर में लच्छा बांधा। अब शाम को गोधूलि वेला में माफी मांगकर प्रतीकात्मक वध भी करेंगे।