PM Modi UNGA Speech : digi desk/BHN/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 76वें सत्र को संबोधित करते हुए एक वैश्विक नेता के तौर पर अपनी छवि सुदृढ़ की। उन्होंने कहा कि मैं उस देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिसे “Mother of Democracy” का गौरव हासिल है। लोकतंत्र की हमारी हजारों सालों की महान परंपरा ने इस 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश में प्रवेश किया। उन्होंने साफ कहा कि हमारी प्राथमिकता ऐसे लोकतंत्र की है, जिसमें विकास हो, जो सर्वसमावेशी हो, सर्व-पोषक हो, सर्व-स्पर्शी हो, सर्व-व्यापी हो। उन्होंने एक तरफ लोकतंत्र की बात की तो दूसरी तरफ आतंकवाद के बढ़ते खतरे को लेकर भी विश्व समुदाय को आगाह किया। उन्होंने देश की अहमियत बताते हुए कहा कि जब भारत बढ़ता है, तो दुनिया बढ़ती है, जब भारत सुधार करता है, तो दुनिया बदल जाती है।
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी तीन दिवसीय यात्रा के लिए अमेरिका पहुंचे हैं। इस दौरान, पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापानी प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा से भी मुलाकात की। इससे पहले गुरुवार को उन्होंने विभिन्न दिग्गज वैश्विक कंपनियों के सीईओ से भी मुलाकात की और उन्हें भारत में निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
अमेरिका ने भारत को लौटाईं 157 पुरानी कलाकृतियां, चोरी-तस्करी के जरिए पहुंची थी अमेरिका
पीएम मोदी का अमेरिका दौरा समाप्त हो गया है और वो भारत लौट रहे हैं। कूटनीतिक सफलताओं के अलावा पीएम मोदी ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है। अमेरिका ने पीएम मोदी को रिटर्निंग गिफ्ट के दौर पर 157 बेशकीमती कलाकृतियां और ऐसिहासिक पुरावशेष वापस किये हैं। ये वो कलाकृतियां हैं, जिन्हें चोरी, अवैध व्यापार या तस्करी के जरिए लाया गया था, और अमेरिकी सरकार ने जब्त किया था। अब उन्हीं कलाकृतियों को अमेरिका ने पीएम मोदी को वापस सौंपने का फैसला किया है। पीएम मोदी अब अपने साथ अमेरिका से ये 157 कलाकृतियां वापस लेकर आ रहे हैं। भारत की इस धरोहर को वापस लाना एक बड़ी उपलब्धि है। पीएम मोदी ने भारत को पुरावशेषों को वापस करने को लेकर अमेरिका की सराहना की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सांस्कृतिक वस्तुओं के अवैध व्यापार और चोरी को रोकने के लिए कड़े प्रयास किये जाने पर भी सहमति जताई है।
इन 157 मूर्तियों में 10वीं सदी से लेकर 14वीं सदी तक की मूर्तियों के अलावा अन्य कई ऐतिहासिक कलाकृतियां शामिल हैं। इनमें कुछ खास धरोहरों में 10वीं सदी की एक मूर्ति और 12वीं सदी की उत्कृष्ट कांसे की बनी नटराज की मूर्ति भी है। साथ ही 2000 ईस्वी पूर्व की कॉपर से बनी मानवाकृति भी काफी महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इसमें 45 ऐसी कलाकृतियां हैं जो इतिहास लिखे जाने से पहले के युग की हैं। आपको बता दें कि पीएम तीन दिनों के लिए अमेरिका में थे। इस दौरान उन्होंने अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और राष्ट्रपति जो बाइडेन के अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों से भी मुलाकात की।