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Amazing: 26 साल के युवक का दिल, लीवर व आंते थी शरीर में दूसरी साइड, पिता को लीवर किया डोनेट

Amazing, 26Year old youth had heart, liver and intanstine of oppsit side:/इंदौर/ सामान्य व्यक्ति के शरीर के अंदरुनी अंगों के मुकाबले 27 साल के प्रखर कौशल के सारे अंग शरीर के दूसरी ओर थे। उन्हें एक साल उम्र में यह मां ने बताया था कि उनका दिल दूसरी ओर है। 27 साल बाद पिता को लिवरसिरोसिस होने पर लीवर डोनेट करने की नौबत आई तो उसे पता चला कि उनका सिर्फ दिल ही दाई ओर नहीं है। उनका लीवर बाएं, और अमाशय दाई ओर था। चोइथराम अस्पताल के लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डा. सुदेश सारडा के मुताबिक प्रखर के शरीर के अंदर के अंगों की जो स्थिति थी उसे साइटस इनवर्सस टोटलिस की स्थिति कही जाती है। इस तरह के केस वाले लीवर डोनर विश्व में सिर्फ पांच ही अब तक हुए है। इसमें से तीन तो भारत में और दो जापान में हुए है। इंदौर में प्रखर का केस अब तक का छठवां है।

किसी भी मरीज के शरीर में लीवर के दो हिस्से होते है। लीवर ट्रांसप्लांट के दौरान पिछले पांच केस में अभी तक लीवर का दाया हिस्सा ही मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया था। प्रखर के लीवर के दोनों हिस्से 50 फीसद तक मजबूत थे। ऐसे में साइटस इनवर्सस टोटलिस के केस में पहली बार डोनर के लीवर के दाए हिस्से को मरीज में लगाया गया। यह अनूठा केस होने के कारण सामान्य लीवर ट्रांसप्लांट में जहां चार से पांच घंटे का समय लगता है वहीं इस केस में करीब 12 घंटे तक सर्जरी चली। चोइथराम अस्पताल में हुई इस अनूठी सर्जरी की जानकारी शनिवार को अस्पताल प्रबंधन ने प्रेस वार्ता में दी। इस दौरान संभागायुक्त डा. पवन शर्मा व एमजीएम मेडिकल कालेज के डीन डा. संजय दीक्षित ने अस्पताल के चिकित्सकों को इस ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक करने पर शुभकामनाएं दी।

पहले से तय कर लिया था कि पिता को देना है लीवर का हिस्सा

महू में रहने वाले प्रखर कौशल हैदराबाद में निजी आईटी कंपनी में कार्यरत है। वहीं उनके पिता प्रदीप कुमार कौशल आर्मी में सिविल डिफेंस एक्सपर्ट है। प्रखर ने बताया कि पहले हमने केडेबर डोनर के रजिस्ट्रेशन करवाया लेकिन जब वो भी नहीं मिला तो मैनें लीवर देना तय किया । पिता को लीवर डोनेट करना था ऐसे में उन्हें नहीं देने का सवाल ही नहीं था। मेरे इस निर्णय में परिवार ने भी साथ दिया। प्रखर की मां संध्या कौशल ने बतााया कि बेटा ने शुरू से लीवर डोनेट करने के लिए तैयार था, मुझे यह चिंता था कि इसके अंग शरीर के दूसरे हिस्से में है। ऐसे में ट्रांसप्लांट होगा या नहीं। जांच होने में करीब छह माह का समय लगा। बेटा व पति दोनों को सर्जरी से गुजरना था इसलिए मुझे डर तो था लेकिन चिकित्सकों पर एक विश्वास भी था। हमने सकारात्मक सोच रखी और उससे सफलता मिली।

अंदरूनी अंगों में बदलाव दिखने में लीवर नहीं निकालते तो ट्रांसप्लांट नहीं होता

चोइथराम अस्पताल के लीवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डा. सुदेश सारडा के मुताबिक डोनर का लीवर शरीर के दूसरी ओर था ऐसे में हमारी टीम ने यह भी निर्णय लिया था कि यदि डोनर के शरीर में चीरा लगाने के पश्चात लीवर व अन्य अंगों में कुछ विशेष काम्प्लीकेशन या बदलाव दिखाई देते है तो लीवर निकाले बगैर टांके लगाकर ट्रांसप्लांट नहीं किया जाएगा लेकिन डोनर के अंदरूनी अंग व्यवस्थित होने से ट्रांसप्लांट किया गया। शहरी के लीवर की ओर जाने वाली धमनियों और पित्त बनने वाली नली की संरचना देखने के बाद ही यह तय किया गया कि ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इस लीवर ट्रांसप्लांट की टीम में डा. सुदेश शारदा, डा. नितिन शर्मा, डा. शैलेश गुप्ता, डा. प्रियंका भगत, डा. अलका जैन, डा. राहुल जैन, डा.एसपी जायसवाल, डा. सोहिनी सिरकार थी।

यह शरीर में थे बदलाव

चिकित्सकों के मुताबिक साइटस इनवर्सस टोटलिस के केस में व्यक्ति के शरीर के अंदरुनी अंगों जगह बदली हुई होती है लेकिन इसके कारण व्यक्ति कोई भी परेशानी नहीं है और वो स्वस्थ व्यक्ति की तरह ही होता है। इस तरह के केस में एक तरह के अंगों की मिरर इमेज कही जा सकती है।

सामान्य मरीज – साइटस इनवर्सस टोटलिस

हृदय दाई ओर – हृदय बाईं ओर

लीवर दाई ओर – लीवर बाई ओर

अमाशय व तिल्ली बाई ओर – अमाशय व तिल्ली दाई ओर

बड़ी आंत दाई ओर से शुरू होती – बड़ी आंत बाई ओर से शुरू हुई थी।

लीवर ट्रांसप्लांट

  • – भारत में प्रतिवर्ष 2 से ढाई हजार लीवर ट्रांसप्लांट होते है। इनमें पांच प्रतिशत केडेबर डोनर होते है।
  • – प्रदेश में अब भी 112 मरीज लीवर ट्रांसप्लांट के लिए डोनर या केडेबर का इंतजार कर रहे है।
  • – साइटस इनवर्सस एक दुलर्भ जन्मजात विसंगति है जो भ्रूण के विकास के दौरान होती है। विश्व में 10 हजार में से 1 ऐसा केस होता है।
  • – 28 अगस्त को प्रखर ने अपना लीवर पिता को किया गया डोनेट। प्रखर को दस दिन बाद डिस्चार्ज किया गया और पिता स्वस्थ है और अगले दो दिन में उन्हें अस्पताल से घर भेजा जाएगा।
  • – चोइथराम अस्पताल में पिछले चार साल में 14 लीवर ट्रांसप्लांट हुए है जिनमें 11 केडेबर डोनर थे। तीन केस लाइव डोनर के है।

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