1st Emergency Landing Strip on Highway: digi desk/BHN/ देश की सुरक्षा में आज एक अध्याय और जुड़ गया, जहां भारत की पहली इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश समर्पित किया है। राजस्थान के बाड़मेर जालौर की सीमा पर 3 किलोमीटर बनी आपातकालीन लर्निंग स्टेप का आज रक्षा मंत्री ने उद्घाटन कर देश को समर्पित किया है। राजस्थान के बाड़मेर के दक्षिण में गांधव-बाखासर सेक्शन (राष्ट्रीय राजमार्ग-925) पर एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड पर पहले राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी हरक्यूलिस विमान के जरिए पहुंचे, उसके बाद सुखोई- जगुआर सभी खेल लड़ाकू विमानों ने इस आपातकालीन पर लैंडिंग की और टच एंड गो ऑपरेशन को अंजाम भी दिया। देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी हाई वे पर लड़ाकू विमानों की इमरजेंसी के लिए हवाई पट्टी (1st Emergency Landing Strip on Highway) बनाई गई है।
इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायु सेना का जिक्र करते हुए कहा कि यह वर्ष 1971 के युद्ध का स्वर्णिम वर्ष है। वहीं भारत आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। ऐसे में अंतररष्ट्रीय बॉर्डर से महज कुछ दूरी पर बनी यह इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप इस बात का प्रमाण है कि भारत सभी क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। सामरिक जरूरतों के हिसाब से यह प्रयोग मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि एयरफोर्स की यह पहल मन में उत्साह और रोमांच तो पैदा करती ही है, सुरक्षा का विश्वास भी पैदा करती है।
केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस पल को ऐतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सड़क और परिवहन मंत्रालय ने भी तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं और ऐसे में विमानों की सड़कों पर और हाईवे पर लैंडिंग होना गौरव की बात है और निकट भविष्य में ऐसे और प्रोजेक्ट को अंजाम दिया जाएगा।
कार्यक्रम में पहले सुपर हरकुलिस विमान में सवार होकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी पहुंचे। उसके बाद सुखोई थर्टी और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने भी टच एंड गो ऑपरेशन को अंजाम दिया। वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने एनएच 925 पर लैंडिंग की पार्किंग की और रिफिलिंग को भी अंजाम दिया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने राष्ट्रीय राजमार्ग-925ए पर सत्ता-गांधव के 41/430 किमी से 44/430 किमी के तीन किलोमीटर लंबे हिस्से को भारतीय वायु सेना के लिये एमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ईएलएफ) के रूप में तैयार किया है। इसकी कुल लंबाई 196.97 किमी है और इसकी लागत 765.52 करोड़ रुपये है।
भारतमाला प्रोजेक्ट का हिस्सा
यह पहली बार है कि किसी राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-925) का उपयोग IAF विमानों की आपातकालीन लैंडिंग के लिए किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने IAF के लिए एक आपातकालीन लैंडिंग सुविधा (ELF) के रूप में NH-925A के सट्टा-गंधव खंड के 3 किमी के खंड को विकसित किया है। यह गगरिया-बखासर और सट्टा-गंधव खंड के नव विकसित दो लेन का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई 196.97 किमी है। भारतमाला परियोजना के तहत तैयार इस परियोजना की लागत ₹765.52 करोड़ होगी।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई थी मॉक लैंडिंग
इससे पहले अक्टूबर 2017 में IAF के लड़ाकू जेट और परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे राजमार्गों का उपयोग IAF विमानों द्वारा आपात स्थिति में लैंडिंग के लिए किया जा सकता है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे एक राज्य का राजमार्ग है और उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है।