Bacha Baji tradition has been going on in afghanistan : digi desk/BHN/अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद लोगों के अंदर दहशत फैली हुई है। लोग यहां से भागकर दूसरे देशों में जाना चाहते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने से यहां महिलाओं और बच्चों के साथ जमकर अत्याचार होगा और यहां कई तरह की कुप्रथाओं की शुरुआत होगी। हालांकि अफगानिस्तान में पहले से ही तालिबान जैसे संगठनों का दबदबा रहा है। इसी वजह से यहां पहले ही कई तरह की कुप्रथाएं कायम है। इनमें से एक है बच्चा बाजी परंपरा। इस कुप्रथा में 10 साल के बच्चों का यौन शोषण किया जाता है।
पूरी दुनिया में बच्चा बाजी परंपरा का विरोध होता रहा है। अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान में भी बच्चा बाजी का चलन है। हालांकि इस्लाम में समलैंगिकता को गलत माना जाता है और अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान भी इस्लामिक देश है। इसके बावजूद इन दोनों देशों में यह कुप्रथा चली आ रही है।
10 साल के बच्चों का होता है शोषण
बच्चा बाजी परंपरा में 10 साल के आसपास उम्र वाले बच्चों को लड़कियों के कपड़े पहनाकर डांस कराया जाता है। पार्टी में डांस के बाद इनका रेप भी होता है। किसी भी लड़के ने एक बार लड़की का मेकअप किया तो इसके बाद वह इस दलदल में फंसता चला जाता है। लड़कों के अलावा महिलाओं के साथ भी इस परंपरा के चलते बहुत दुर्व्यवहार होता है। इसलिए लगातार इस कुप्रथा की आलोचना होती रही है, पर अभी तक यह परंपरा चली आ रही है।
कई बच्चों ने सुनाई आपबीती
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कई बच्चे इस कुप्रथा के दलदल से निकले भी हैं और उन्होंने अपनी दास्तां सबको सुनाई है। इन बच्चों को यहां लौंडे या बच्चा बेरीश कहा जाता है। अक्सर नाबालिग बच्चों को ही इस परंपरा में ढकेला जाता है। इस प्रथा पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनी है, जिसका नाम है द डांसिंग बॉयज ऑफ अफगानिस्तान। इन बच्चों को नाचने और यौन शोषण के बदले सिर्फ कपड़ा और खाना ही दिया जाता है, लेकिन जिंदा रहने के लिए लड़के यह काम करने के लिए भी तैयार हो जाते हैं।
किडनैप होते हैं बच्चे
कई बार बच्चों को किडनैप करके उन्हें बच्चा बाजी के लिए बेच दिया जाता है। इस काम के लिए वो लड़के उपयुक्त माने जाते हैं, जिनके चेहरे पर डाढ़ी और मूछें नहीं आई होती हैं। ऐसे बच्चों को किडनैप किया जाता है और किसी अमीर इंसान के यहां बेंच दिया जाता है। इसके बाद अमीर लोग अपनी मर्जी के हिसाब से इन बच्चों से काम कराते हैं। एक नौकर से लेकर महबिस्तार होने तक हर तरह से इन बच्चों का उपयोग किया जाता है।