Pashupatinath Sawari:digi desk/BHN/ मंदसौर/ सावन माह के अंतिम सोमवार को श्रीपशुपतिनाथ मंदिर परिसर में ही शाही सवारी निकली। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते शाही सवारी मंदिर परिसर में ही सात घंटे तक रही। सोमवार सुबह विशेष पूजा-अर्चना और श्रृंगार के बाद भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव की रजत प्रतिमा शाही रथ में विराजित की गई।
शाही सवारी नगर भ्रमण पर नहीं निकली पर भक्तों में खासा उत्साह रहा। मंदिर परिसर में ही शाही सवारी में बाबा पशुपतिनाथजी हमेशा की तरह पूरे शाही ठाठ-बाठ से ही निकले। मंदिर परिसर में ही आयोजित होने वाली शाही सवारी को लेकर तैयारियां चल रही है। शाही सवारी में मुंबई और झाबुआ के ढोल-नगाड़ों से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो गया। ताशे और मंदसौर के ढोल व बाजे भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहें।
भगवान श्री पशुपतिनाथ प्रात: काल आरती मंडल के तत्वावधान में निकली शाही सवारी का यह 26 वां वर्ष है। सावन मास के अंतिम सोमवार को सुबह से ही भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर परिसर में भी भक्तों का तांता लगा रहा। सुबह भगवान श्री पशुपतिनाथजी की रजत प्रतिमा का विधि-विधान से विद्वान पंडितों ने अभिषेक कराया। इसके बाद पूजन-अर्चन कर भगवान की रजत प्रतिमा का भांग, सूखे मेवे, अबीर, गुलाल, कंकु, अक्षत, सहित अनेक प्रकार के फूलों से नयनाभिराम श्रृंगार किया गया।
फिर भगवान की प्रतिमा को फूलों से सुसज्जित रथ में विराजित कराया गया। सुबह रजत प्रतिमा की आरती संतों, समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों एवं कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई। पुलिस की एक चार के गार्ड ने भगवान को सलामी दी। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए इस साल भी शाही सवारी मंदिर परिसर में ही रही। सुबह 11 बजे से शाम छह बजे तक भगवान श्री पशुपतिनाथजी शाही रथ में विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे।