MP Urban Body Elections: digi desk/BHN/ भोपाल/ मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव फिर टल गए हैं। ये चुनाव अब अगले साल यानि 2022 कराए जाएंगे। बुधवार को राजधानी में मीडिया से चर्चा में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी विषयों और कोरोना संक्रमण के चलते राज्य में अगले छह महीने निकाय चुनाव होना मुश्किल हैं। प्रदेश में 16 नगर निगम, 98 नगर पालिका और 294 नगर परिषद हैं, जिनके चुनाव वर्ष 2018 से लंबित हैं।
प्रदेश में कुछ नगरीय निकायों का कार्यकाल 2018 में और कुछ का 2019 में समाप्त हो चुका है। इस बीच तीन बार चुनाव आगे बढ़ाए जा चुके हैं। मालूम हो, वर्ष 2018 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना थे, इसलिए निकाय चुनाव नहीं कराए जा सके, तब सभी निकायों को कार्यकाल भी समाप्त नहीं हुआ था।
वर्ष 2019 में कमल नाथ की सरकार में भी निकाय चुनाव नहीं कराए जा सके और मार्च 2020 में फिर से शिवराज सरकार अस्तित्व में आई, पर चुनाव को लेकर निर्णय नहीं हो सका। अब नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी चल रही थी जिसे फिर से आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने पिछले दिनों हाई कोर्ट में जवाब पेश करते हुए कोरोना संक्रमण में चलते अभी चुनाव कराने में असमर्थता जताई है। वहीं चुनाव कराने में एक बड़ी अड़चन सीटों के आरक्षण का मुद्दा भी है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है जिसमें फैसला आना है।
तीन राज्यों में कभी भी गिर सकती है कांग्रेस सरकार : भूपेंद्र सिंह
कांग्रेस में मची उथल-पुथल पर तंज कसते हुए भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब में कांग्रेस आपसी झगड़ों की शिकार है। इसके चलते तीनों राज्यों की सरकारें कभी भी गिर सकती हैं। ऐसे हालात खुद कांग्रेस तैयार करती है और दोष भाजपा पर मढ़ा जाता है। कोरोना की रोकथाम को लेकर सरकार पर लगाए गए कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कोशिशों के चलते कोरोना की स्थिति देश के अन्य राज्यों की तुलना में काफी ठीक है। हम तीसरी लहर का भी पूरी ताकत से सामना करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस इस गंभीर मामले में भी लोगों की मदद करने की बजाय राजनीति कर रही है।