कोर्ट ने केस प्रभारी पर 25 हजार का हर्जाना लगा दिया
MP High Court:digi desk/BHN/ग्वालियर/हाई कोर्ट की एकल पीठ ने उस मामले में केस प्रभारी पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगा दिया, जिसमें शासन ने कहा कि महिला के पति को मेडल दिए जाने के संबंध में जवाब नहीं दिया जा रहा है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य पूर्ण है। महिला अपने पति के मेडल के लिए 8 साल से लड़ रही है। शासन के पास जवाब नहीं है। न ओआइसी उपस्थित हो रहे हैं। हर्जाने की राशि केस प्रभारी को जमा करनी होगी। कोर्ट ने 28 जुलाई को केस प्रभारी को जमानत वारंट पर उपस्थित भी होना है। महिला अपने पति के मेडल व राशि को लेने के लिए पिछले 8 साल से कोर्ट में केस लड़ रही है।
सावित्री चौहान के पति का निधन 1995 में हो गया था। पति के निधन के बाद 1999 में प्रधानमंत्री पुलिस जीवन रक्षक मेडल दिए जाने की सिफारिश की थी। इस मेडल के साथ हर महीने सावित्री बाई को 300 रुपये अतिरिक्त मिलने थे। इस मेडल के इंतजार में सावित्री बाई को लंबा इंतजार करना पड़ा, पर मेडल की राशि नहीं मिली। साल 2013 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उनके पति को जीवन रक्षा के लिए प्रधानमंत्री पुलिस पदक की घोषणा की गई थी। जिसमें उन्हें तीन सौ रुपये प्रतिमाह मिलना थे, लेकिन शासन द्वारा इस राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने बताया गया कि दो दिसंबर 2002 को एक सर्कुलर के जरिए इसकी घोषणा की गई थी।
इस पर कोर्ट ने नोटिस जारी कर शासन को जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। शासन द्वारा लगातार समय लिया जा रहा था। इस मामले में शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता ने न्यायालय से कहा कि इस पदक को लेकर जो विवाद है उसका निराकरण कर शासन द्वारा जवाब प्रस्तुत किया जाएगा। याचिका तभी से लंबित है। 26 जुलाई को इस मामले में सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान केस प्रभारी को मौजूद रहना था, लेकिन केस प्रभारी मौजूद नहीं थे। कोर्ट ने केस प्रभारी पर 25 हजार का हर्जाना लगा दिया। हर्जाने की राशि कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी।