The actual death toll from corona is 10 times more: digi desk/BHN/ कोरोनाकाल में भारत सरकार पर लगातार मौत के आंकड़े छिपाने के आरोप लगे थे। कई मीडिया संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट में यह दिखाया था कि सरकार मौते को जो आंकड़े पेश कर रही है, उससे कई गुना ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो रही है। अब अमेरिकी रिसर्च ग्रुप की रिपोर्ट में भी यही बात कही गई है। इस स्टडी में कहा गया है कि भारत में कोरोना से मौत का वास्तविक आंकड़ा 47 लाख है, जबकि सरकार के अनुसार यहां सिर्फ 4,14,482 मौतें ही कोरोना से हुई हैं। स्टडी में दावा किया है कि सरकारी आंकड़े से 10 गुना ज्यादा लोग कोरोना के चलते मौते के मुंह में समा गए।
भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब तक कोरोना संक्रमण की वजह से 4,14,482 लोगों की मौत हुई है। कोरोना से हुई मौतों के मामले में भारत अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है। अमेरिका में कोरोना से कुल 6 लाख 9 हजार लोगों की मौत हुई है, जबकि ब्राजील में कोरोना के चलते अब तक 5 लाख 42 हजार लोग दम तोड़ चुके हैं। अमेरिकी स्टडी ग्रुप सेंटर ऑफ ग्लोबल डिवेलपमेंट की रिपोर्ट में मौतों को लेकर जो आंकड़ा पेश किया गया है, वह किसी भी संगठन की ओर से जारी अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
कोरोना की दूसरी लहर में हुई सर्वाधिक मौतें
भारत में अप्रैल और मई के दौरान कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा मौतें हुईं थी। इसी समय देश में कोरोना की दूसरी लहर अपने चरम पर थी। अमेरिकी ग्रुप की स्टडी के अनुसार भारत में कोरोना का पहला केस मिलने से लेकर इस साल जून तक 34 से 47 लाख लोग इस वायरस के चलते मौत के मुंह में समा गए। रिसर्चर्स का कहना है, “वास्तव में मौतों का आंकड़ा कई मिलियन हो सकता है। यदि इस आंकड़े को देखा जाए तो भारत में आजादी और विभाजन के बाद से यह सबसे बड़ी त्रासदी है।” इस स्टडी में कोरोनाकाल से पहले और कोरोनाकाल में हुई मौतों के आंकड़े का विश्लेषण किया गया है। इसी आधार पर ही 2020 से 2021 के दौरान हुई मौतों का आंकड़ा निकाला गया है। इसी आंकड़े को कोरोना वायरस से जोड़ते हुए रिसर्ट सेंटर ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाया है।
स्टडी में शामिल थे भारत के अरविंद सुब्रमण्यन स्वामी
भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन स्वामी भी इस स्टडी के लेखकों में शामिल हैं। इस स्टडी में यह भी कहा गया है कि मौतों के आंकड़े को कोरोना से जोड़ना बेहद कठिन है, लेकिन सभी अनुमान इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि पिछले सालों में इतनी बड़ी संख्या में होने वाली मौतों के लिए कोरोना महामारी ही जिम्मेदार है। इसी की वजह से इस अवधि में मृत्यु का आंकड़ा इतना अधिक बढ़ा है।
फ्रांस की रिसर्च में 22 लाख मौतों का दावा
अमेरिकी स्टडी से पहले फ्रांस की एक रिपोर्ट में भारत में कोरोना से 22 लाख मौतों का अनुमान लगाया गया था। यहां के रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर डिवेलपमेंट के एक्सपर्ट क्रिस्टोफे गुइलमोटो के अनुसार मई तक देश में कोरोना के चलते 22 लाख लोगों की मौत हुई थी। इस रिसर्च में यह भी कहा गया था कि पूरी दुनिया के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मौतों का आंकड़ा आधा है।