Farmers Protest at Jantar Mantar: digi desk/BHN/ संसद का मानसून सत्र चल रहा है और किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज करने का फैसला किया है। किसान गुरुवार से राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने 200 किसानों को जंतर-मंतर पहुंचने और प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। दिनभर के धरना प्रदर्शन के बाद शाम को ये किसान फिर लौट आएंगे। जब तक मानसून सत्र चलेगा, यह सिलसिला जारी रहेगा। विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। इस बीच, हिंसा की आशंका के सवाल पर किसाने नेता राकेश सिंह टिकैत ने कहा, जंतर मंतर से संसद महज 150 मीटर की दूरी पर है। हम वहां अपना संसद सत्र आयोजित करेंगे। हमें गुंडागर्दी से क्या लेना-देना? क्या हम बदमाश हैं?
सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
इससे पहले दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) सतीश गोलचा और संयुक्त पुलिस आयुक्त जसपाल सिंह ने मौके पर मौजूद किसान संगठनों से पहले सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए जंतर-मंतर का दौरा किया। सिंघू सीमा पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों ने फैसला किया है कि 200 किसान गुरुवार से हर दिन जंतर-मंतर पर एकत्र होंगे। किसान संगठनो के मुताबिक, हम 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र समाप्त होने तक किसान संसद का आयोजन करेंगे और 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर मंतर पर जाएंगे। हर दिन एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया जाएगा। पहले दो दिनों में एपीएमसी एक्ट पर चर्चा होगी। बाद में, अन्य विधेयकों पर भी हर दो दिन में चर्चा की जाएगी। एक अन्य किसान नेता ने कहा कि वे जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा। धरना जंतर मंतर पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
सरकार ने फिर दिया बाचतीच का प्रस्ताव
दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा कि वह तीन विवादास्पद कृषि कानूनों पर उन किसानों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, जो लगभग आठ महीने से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। बता दें, सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है।