ग्रामीणों ने घर-घर पता कर 11 लोगों की जानकारी जुटाई है जो रात को घर नही पहुंचे
सुबह तक कुएं से 4 लोगों के शव निकाले
Madhya Pradesh News:digi desk/BHN/ विदिशा/ जिले की गंजबासौदा तहसील के गांव लाल पठार में सुबह तक कुएं से 4 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। वही ग्रामीणों ने घर-घर पता कर 11 लोगों की जानकारी जुटाई है जो रात को घर नही पहुंचे। जिसमें एक दस साल का बालक भी बताया गया है। सुबह एक घण्टे के बाद एनडीआरएफ की टीम ने फिर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। गांव में मातम फैला हुआ है, वहीं कुएं के आसपास पुलिस और अधिकारियों का जमावड़ा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भी घटना पर शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कांग्रेसजनों से बचाव कार्य में हर संभव मदद की अपील की है।
इस हृदयविदारक घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शोक जताया है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस कार्यर्ताओं से बचाव कार्य में मदद करने की अपील भी की। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘बेहद दुखद। मृतकों के परिवारजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। कांग्रेस के साथियों से अपील है कि बचाव कार्य में हरसंभव मदद करें।’
मालूम हो, गुरुवार की शाम लाल पठार गांव में स्थित कुएं में एक बालक के गिर जाने के बाद करीब 50 लोग कुए पर पहुंचे थे। कुएं की छत पर 25 से अधिक लोग खड़े थे। अधिक लोगों के वजन के कारण कुएं की छत गिर गई। जिसमें कई लोग कुएं में गिर गए। इसके बाद रात भर से बचाव कार्य जारी है।
रात को कुएं से तीन शव निकाले गए, वहीं चौथा शव आज शुक्रवार को सुबह निकाला गया। सुबह 8 बजे एनडीआरएफ की टीम ने एक घण्टे का ब्रेक लिया। इसके बाद फिर बचाव कार्य शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने घर घर जाकर सर्वे किया है, जिसमे मृतकों को छोड़कर 11 लोगों की जानकारी जुटाई है जो लापता हैं।
हालांकि प्रशासन ने इस सूची की पुष्टि नहीं की है। पूरी रात बचाव दल और अधिकारियों के अलावा ग्रामीणों ने भी जागकर ही काटी। हर शव मिलने के बाद उनके स्वजनों की चीखें गूंजने लगी। मौके पर रात भर प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी रहे। वे सुबह गंज बासौदा जाकर वापस मौके पर लौट आए। अभी मौके पर कमिश्नर कवींद्र कियावत, एडीजी ए साई मनोहर, कलेक्टर डॉ. पंकज जैन, एसपी विनायक वर्मा मौजूद हैं।ग्रामीणों के अनुसार क्षतिग्रस्त कुएं की मरम्मत के लिए ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत से गुहार लगाई गई थी, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। कुएं से ही यह घटना हो गई। गांव के बड़ी संख्या में लोग पानी भरने के लिए इसी कुएं पर निर्भर हैं।