Defence Parliamentary Committee: digi desk/BHN/ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को संसदीय रक्षा कमेटी (Defence Parliamentary Committee) का बहिष्कार कर दिया और बाहर निकल गये। उनके साथ-साथ समिति में मौजूद कांग्रेस के बाकी सांसदों ने भी वॉकआउट कर दिया। मीडियाा रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल गांधी ने रक्षा कमेटी के सामने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर चर्चा करने की मांग की थी, लेकिन कमेटी के अध्यक्ष ने उनकी ये मांग ठुकरा दी। इस पर नाराज होकर राहुल गांधी तमाम कांग्रेसी सांसदों के साथ बाहर निकल गए। राहुल गांधी ने पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को लेकर लगातार सवाल उठाए हैं। उन्होंने कई बार आरोप लगाया कि सरकार ने भारत का भूभाग चीन को दे दिया है।
सूत्रों के मुताबिक बैठक के एजेंडे में छावनी बोर्डों के कामकाज पर चर्चा करना शामिल था। लेकिन चर्चा शुरु होते ही राहुल गांधी ने कहा कि पिछली कुछ बैठकों से लगातार इसी पर बात हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा चीन सीमा पर जो कर रहा है और अफगानिस्तान में जो हो रहा है, ऐसे बड़े मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए। समिति में शामिल कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया। लेकिन समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जुएल ओरांव ने कहा कि जो विषय एजेंडे में है, उसी पर बात होगी। इस पर राहुल गांधी ने अपने सांसदों के साथ बैठक से वॉकआउट कर गये।
हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी रक्षा कमेटी की बैठक को छोड़कर बाहर आ गए हों। इससे पहले दिसंबर 2020 में भी भारतीय सुरक्षा बलों की ड्रेस पर चर्चा के दौरान संसदीय समिति की बैठक से राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस सांसदों ने वॉक आउट कर दिया था। राहुल गांधी ने कहा था कि हम राजनीतिक लोग हैं और सुरक्षा बलों की ड्रेस और बैच पर फैसला उनके अधिकारियों को ही लेना चाहिए, हमें नहीं। इस बैठक में सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद थे।
राहुल गांधी ने दिसंबर 2020 में संसदीय समिति की बैठक को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भी लिखा था। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि संसदीय समिति की बैठक में उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गई। उनका कहना था कि यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्वाचित सांसदों को संसदीय समिति की बैठकों में बिना अवरोध के बोलने का मौका मिले।