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14 लाख की फर्जी लूट का खुलासा: कैश लोडर ने खुद रचा ‘ड्रामा’, पुलिस ने घंटों की पूछताछ के बाद खोली पोल

भिलाई
हिताची कंपनी के एटीएम में कैश लोडिंग करने वाले वर्कर द्वारा 14 लाख 60 हजार रुपये की लूट की मनगढ़ंत कहानी रचने का मामला कुम्हारी पुलिस ने सुलझा लिया है। युवक ने खुद के साथ लूट होने की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस को घंटों गुमराह किया, लेकिन पूछताछ और जांच के दौरान पूरी सच्चाई सामने आ गई। अब प्रार्थी ही आरोपित बन चुका है और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।

एसएसपी विजय अग्रवाल ने खुद की पूछताछ
मामले में लूट की बड़ी रकम की सूचना मिलते ही एसएसपी विजय अग्रवाल, एएसपी शहर सुखनंदन राठौर और कुम्हारी थाना पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच के दौरान ही पुलिस को लूट की कहानी में कई तथ्यों पर संदेह हुआ, और आखिरकार पर्दाफाश हो गया कि पूरी कथा झूठी थी। लूट की घटना फर्जी साबित होने पर पुलिस ने राहत की सांस तो ली लेकिन साथ ही आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
 
एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि 6 दिसंबर की शाम करीब साढ़े 7 बजे कुम्हारी पुलिस को सूचना मिली कि कपसदा गांव स्थित ग्लोबल स्कूल के पास तीन अज्ञात युवकों ने 14 लाख 60 हजार रुपये से भरा बैग लूट लिया है। शिकायतकर्ता चरोदा निवासी आशीष राठौर (34 वर्ष) ने बताया कि वह हिताची कंपनी के एटीएम बूथों में कैश लोडिंग का कार्य करता है और वही रकम लेकर जा रहा था। उसने दावा किया कि वह अपने भांजे मनीष राठौर के साथ मोटरसाइकिल से रायपुर के हीरापुर तेंदुआ वाले एटीएम में कैश लोड करने के बाद मुरमुंदा और दादर के एटीएम में कैश डालने के लिए जा रहा था। इसी दौरान तीन युवकों ने गाड़ी रोककर चाकू दिखाते हुए उससे भरा बैग छीन लिया और खेतों की ओर भाग गए। उसके अनुसार बैग में मुरमुंदा एटीएम के लिए 8 लाख 60 हजार रुपये और दादर एटीएम के लिए 6 लाख रुपये रखे थे।

यहीं से शुरू हुआ संदेह
कुम्हारी पुलिस की एक टीम संयोग से बोरसी गांव से लौटते समय पास ही थी, इसलिए कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गई। जांच के दौरान पुलिस के संदेह बढ़ने के कारण: घटना के वक्त साथ होने की बात कही गई भांजा मनीष मौके पर मौजूद नहीं था। मोटरसाइकिल गिरने का दावा किया गया, लेकिन न बाइक पर न ही आशीष के शरीर पर एक भी खरोंच नहीं थी। पूछताछ में बयानों में लगातार विरोधाभास मिलते रहे। इन बिंदुओं के सामने आने पर पुलिस ने आशीष को थाना लाकर पूछताछ की। एसएसपी विजय अग्रवाल और एएसपी सुखनंदन राठौर द्वारा कड़ी पूछताछ के दौरान अंततः आशीष टूट गया और स्वीकार किया कि लूट की पूरी कहानी झूठी है।

अब प्रार्थी ही आरोपित
पुलिस ने लूट की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराकर पुलिस और प्रशासन को गुमराह करने, साजिश रचने और सबूतों को छुपाने के आरोपों के तहत आशीष राठौर के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर उसे हिरासत में ले लिया है। पुलिस का कहना है कि आगे की पूछताछ में यह पता लगाया जाएगा कि नकली लूट का मकसद रकम हड़पना था या किसी और वजह से यह कहानी रची गई।

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