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Satna: सतना जिले में वैक्सीनेशन महाभियान की उखड़ने लगी सांस, वैक्सीन की कमी से लोग परेशान

  • दूसरी डोज के लिए भी पर्याप्त वैक्सीन नहीं

 

  • भीषण गर्मी के बीच कतारों में घंटो खड़े रहने के बावजूद बगैर टीकाकरण लौट रहे बुजुर्ग

 

  • टोकन व्यवस्था भी हुई बेपटरी, एक घंटे में ही सेंटर्स में लटक जाते हैं ताले

  • जनप्रतिनिधियों की खामोशी सवालों के घेरे में

 

सतना, भास्कर हिंदी न्यूज/ कोरोना को हराने का अस्त्र वैक्सीन महाअभियान का अब जिले भर में खुद दम फूलता नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिये गये इस मंत्र का जिले में हाल यह है कि जब लोग वैक्सीन लगवाने के प्रति जागरूक हो गये तब स्वास्थ्य विभाग के पास वैक्सीन को टोटा हो गया। बीते कई दिनों से वैक्सीन की कमी झेल रहा स्वास्थ्य अमला अब वैक्सीन लगवाने के लिए कतारों में खड़े लोगों के गुस्से का शिकार हो रहा है। सोमवार को जिला चिकित्सालय में कुछ ऐसी ही ­झड़पें वैक्सीन लगवाने के लिए कतारों में खड़े लोगों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के बीच हुईं। बताया जाता है कि टोकन लेकर घंटो कतार में खड़े रहने के बाद जब विभागीय कर्मचारियों ने वैक्सीन खत्म होने की बात कही तो लोगों का धैर्य जवाब दे गया और वे हाथापाई पर उतर आये। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने किसी तरह लोगों के गुस्से से अपने आप को बचाया। बीते कई दिनों से इस तरह के हालात सिर्फ जिला चिकित्सालय ही नहीं अपितु वैक्सीन लगवाने के लिए निर्धारित किये गये सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और संजीवनी क्लीनिकों में आम हो चले हैं।

बिना तैयारी शुरू कर दिया वैक्सीन महाभियान

कोरोना को हराने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने सभी लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक तो कर दिया और सरकार ने इसे महाभियान का नाम देकर वाहवाही लूटने का मंच तैयार कर लिया, परंतु वैक्सीन की आपूर्ति पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और न ही इसके लिए कोई रोडमैप बनाया गया। आनन-फानन में वैक्सीन का महाभियान भी शुरू कर दिया और दूसरी तरफ 18 प्लस के लोगोंं का टीकाकरण भी प्रारंभ कर दिया गया। नतीजा यह निकला कि वैक्सीन सेंटर्स में टीकाकरण के लिए भीड़ उमड़ पड़ी, लिहाजा वैक्सीन की शार्टेज हो गई। पहले लोगों ने वैक्सीन को हल्के में लिया परंतु जब जागरूकता फैली तो लोग टीकाकरण के लिए उत्साह से आगे आने लगे। स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण के महाभियान में अपनी आंकड़ों की कलाबाजियां भी दिखाने लगा। वैक्सीन की नियमित एवं पर्याप्त आपूर्ति की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। जिसके चलते वैक्सीन सेंटर्स में रोज हालात हंगामाई होने लगे।

सरकार की नई पालिसी ने लोगों को किया परेशान

वैक्सीन की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग के अमले को प्रदेश सरकार के  के नये निर्देशों ने और भी हैरान-परेशान कर दिया। वैक्सीन की कमी हुई तो स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश जारी किये कि कोवैक्सीन और कोविडशील्ड लगाने का शेड्यूल बना दिया जाये जिससे वैक्सीन सेंटर्स पर टीकाकरण कराने उमड़ रही भीड़ पर काबू पाया जा सके। शैड्यूल में यह व्यवस्था दी गई कि एक दिन लोगों को कोवैक्सीन लगाई जाये और दूसरे दिन कोविडशील्ड, परंतु इस व्यवस्था का टीकाकरण महाभियान पर विपरीत असर पड़ा। इतना सब कुछ करने के बाद भी कोरोना से निपटने के लिए लगाई जाने वाली दोनों वैक्सीनों की कमी बनी रही और मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होेने से वैक्सीन महाभियान बे-पटरी हो गया।

पहला डोज लेने वालों को नहीं मिल पा रहा दूसरा डोज

जिले भर में वैक्सीन की कमी के हालात इतने बदतर हो चले हैं कि जिन्होंने कोवैक्सीन या कोविडशील्ड की पहली डोज ले रखी है उन्हें भी दूसरी डोज वैक्सीन की नहीं लग पा रही है। भीषण गर्मी में घंटो लाइन में खड़े रहने के बाद भी लोगों को बिना वैक्सीन लगाये वापस लौटना पड़ रहा है। वैक्सीन की कमी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने टोकन नंबर देना भी शुरू किया पर हालात इससे भी काबू में नहीं आये। जिन लोगों को वैक्सीन मिली वे भाग्यशाली वर्ना टोकन समेत दूसरे दिन आने के लिये कह दिया जाता है।

जो “हाई रिस्क जोन” में उन्हीं की सबसे ज्यादा मुसीबत

वैक्सीन की कमी सबसे ज्यादा उनके लिए खतरनाक साबित हो रही है जो सीनियर सिटीजन हैं। तपती दोपहरी में कड़ी धूप में तपते बुजुर्गों के लिए कोरोना की वैक्सीन लगवा पाना किसी जंग जीतने से कम नहीं है। वैक्सीन सेंटर्स में हालात इतने खराब हैं कि बुजुर्गो के लिए किसी भी तरह की माकूल व्यवस्था नहीं है। चंद कुर्सियां डाल कर व्यवस्था करने का दम जरूर भरा जा रहा है। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के हाई रिस्क जोन में सबसे ज्यादा बुजुर्ग ही हैं। वैक्सीन का एक डोज लेने के बाद बुजुर्गों को दूसरी डोज नहीं लग पा रही और कतारों में खड़े रहने के कारण उनके स्वास्थ्य पर संकट बना ही रहता है।

व्हील चेयर पर वैक्सीन लगवाने पहुंचे बुजुर्ग को वापस लौटाया

वैक्सीन की कमी किस तरह से लोगों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा रहा है कि हाईरिस्क जोन में आने वाले बुजुर्ग जब किसी तरह वैक्सीन सेंटर्स में पहुंचते हैं तो उन्हें वैक्सीन की अनुपलब्धता बता कर वापस कर दिया जा रहा है। सोमवार को मास्टर प्लान में व्हील चेयर पर बैठा कर बुजुर्ग को परिजन वैक्सीन सेंटर में लेकर पहुंचे परंतु उन्हें वैक्सीन नहीं लग सकी। इस तरह के दृश्य कमोवेश हर जगह दिखाई देना आम हो चला है।

कई सेंटर्स में आधे घंटे बाद ही लटक जाते हैं ताले

वैक्सीन की कमी का खामियाजा स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेंटर्स में तैनात कर्मचारियों को भी भुगतना पड़ रहा है। सेंटर्स पर उमड़ रही भीड़ के आक्रोश से बचने के लिए विभागीय अमला जैसे ही वैक्सीन खत्म हो जाती है वैसे ही सेंटर्स में ताला डाल कर रवानगी ले लेता है।

जनप्रतिनिधि क्यों उदासीन..?

जिले में वैक्सीन की कमी को लेकर अब आम जनता जनप्रतिनिधियों पर भी ऊंगली उठाने लगी है। लोगों का मानना है कि पड़ोसी जिलों में जनप्रतिनिधियों की संवेदनशीलता के चलते पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा रही है तो फिर सतना जिले के साथ सौतेला बर्ताव क्यों। वैक्सीन की कमी के मुद्दे पर जनप्रतिनिधि आखिर खामोश क्यों हैं क्या उन्हें बुजुर्गों और आम लोगों की परेशानी सम­ा नहीं आती..? या उनकी संवेदनशीलता सिर्फ बैठकों तथा पौधरोपण तक ही सीमित है..!

जिम्मेदारों ने नहीं उठाया काल

जिले में वैक्सीन की कमी को लेकर जब सीएमएचओ डा. अशोक अवधिया के मोबाइल नंबर 9425330545, नोडल आफीसर डा. सतेंद्र सिंह,मोबाइल नंबर9340686052 एवं डा. चरण सिंह के मोबाइल नंबर 9009884271 पर जानकारी के लिए काल लगाया गया तो इन जिम्मेदारों ने काल रिसीव करना मुनासिब नहीं समझा..!

इनका कहना है


वैक्सीन की कमी सिर्फ सतना जिले में ही नहीं कमोबेश प्रदेश के सभी जिलों में है। लोगों में कोरोना वैक्सीन को लेकर जागरुकता आई है यह अच्छी बात है। सभी लोग वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर प्रयासरत हैं जल्द ही यह समस्या दूर हो जायेगी।

अजय कटेसरिया, कलेक्टर सतना

 

 

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